जलापूर्ति परियोजना के मूल्यांकन पर कार्यशाला आयोजित

जोधपुर,जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एवं फ्रांसीसी संस्थान एएफडी द्वारा 740.50 करोड़ लागत की पुनगर्ठित पेयजल योजना के क्रियान्वयन पर देश की अग्रणी परामर्शदात्री एजेंसी ‘‘प्राइस वाटर हाउस कूपर्स’’ द्वारा की गई विवेचना पर गुरुवार को वर्कशॉप का आयोजन किया गया।

वर्कशॉप को दिल्ली स्थित फ्रांसीसी दूतावास से दाना तथा केंद्रीय सरकार के अमृत परियोजना की निदेशक थारा ने ऑनलाइन संबोधित किया। सम्मेलन में एएफडी के भारत में उच्चस्थ ब्रूनो, अंकित तुलसियान, राधिका तथा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता नीरज माथुर,अतिरिक्त मुख्य अभियंता नक्षत्र सिंह चारण के साथ अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।

जलापूर्ति परियोजना के मूल्यांकन पर कार्यशाला आयोजित

योजना के अंतर्गत सुरपुरा पर जलाशय का निर्माण एवं उसे राजीव गांधी लिफ्ट नहर से 35 किलोमीटर लंबाई में बड़ी साइज की पाइप लाइन से जोड़ना, सुरपुरा एवं तखत सागर में 90 एमएलडी फिल्टर संयंत्र का निर्माण,15 उच्च जलाशयों के निर्माण इत्यादि के उपयोग के साथ ही योजना के स्वरूप की योजना द्वारा 218 गीगावॉट प्रतिवर्ष ऊर्जा में बचत कर 60 मेट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी की उल्लेखनीय उपलब्धता को केंद्रीय सरकार की सूची थारा ने सराहा। उन्होंने इस प्रोजेक्ट को भारत की एक अनुकरणीय उदाहरण की संज्ञा दी।

योजना के क्रियान्वयन पश्चात 50 हजार से अधिक घरों को जोड़ने तथा नगर में किए गए सर्वे में आमजन की जलापूर्ति के दबाव एवं सेवा स्तर में वृद्धि व गुणवत्ता पर संतोष संबंधी एकत्रित आंकड़ों को प्राइस वॉटर हाउस कूपर्स ने अपनी रिपोर्ट द्वारा साझा किया।

योजना पर फ्रांसीसी संस्था द्वारा मात्र 0.25 प्रतिशत ब्याज दर पर 381 करोड़ 38 लाख रूपए धनराशि उपलब्ध करवाई गई तथा उनके द्वारा जोधपुर को आगे भी वित्तीय संसाधन उपलब्ध करवाने का मंतव्य व्यक्त किया।

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