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ज्यादातर निजी अस्पताल में कार्य बंद

  • राइट टू हैल्थ बिल का विरोध
  • चिकित्सा सेवा सरकारी अस्पताल पर रही निर्भर
  • सरकारी डॉक्टर्स भी हुए शामिल

जोधपुर,शहर मेें राइट टू हैल्थ बिल के विरोध में प्राईवेट प्रेक्टिशनर डॉक्टर्स पूरी तरह से लामबद हो चुके हैं। शनिवार को प्रदेश के आह्वान पर जोधपुर के लगभग 200 निजी हॉस्पिटल पूरी तरह से बंद है। मरीजों को इमरजेंसी सेवाओं के लिए भी सरकारी अस्पताल जाना पड़ा। निजी अस्पतालों में ओपीडी,आईपीडी सहित सभी सेवाएं पूरी तरह से ठप रही। आईएमए के आह्वान पर ये डॉक्टर्स मेडिकल कॉलेज परिसर में एकत्र हुए वहां से रैली निकाल कर इस कानून का विरोध जताया।

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आईएमए जोधपुर के अध्यक्ष डॉ सिद्धार्थराज लोढ़ा ने बताया कि सरकार यह कानून अपनी मर्जी से थोपना चाहती हैं। डॉक्टरों के सुझावों पर अमल नहीं किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में निजी अस्पताल चलाना आसान नहीं होगा। हम इसका लगातार विरोध कर रहे हैं। पूर्व में भी हड़ताल कर चुके हैं लेकिन सरकार ने अभी तक इस पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। आज समर्थन में सरकारी डॉक्टरों ने भी दो घंटे का सांकेतिक बहिष्कार किया। हमारी सरकार से यही मांग है कि कानून को बनाने के लिए सभी पक्षों के सुझाव शामिल करें।

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