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लेखक-पार्थसारथि थपलियाल

जिज्ञासा

नैनीताल से भुवन चंद्र पंत की जिज्ञासा है, (यद्यपि इनकी जानकारी है लेकिन लोकहित में चाहते हैं) लेख, शिलालेख,आदि कई शब्द हैं इन शब्दों में अंतर क्या है?

समाधान

मानव विकास में लिखने के ज्ञान ने मानवता को नई दिशा दी।आदि मानव संकेतों और मौखिक ध्वनियों से काम चलाता रहा। वैदिक काल मे ज्ञान के संचार का माध्यम श्रुति और स्मृति परंपरा से आगे बढ़ा। ध्वनियों के लिए जब चिन्ह (वर्ण) निश्चित हुए तो मनुष्य ने लेखन कला को सीखा। इसकी लंबी कहानी है। ताड़पत्रों और भोजपत्रों पर तो तब तक लिखा जाता रहा है जब तक कागज का अविष्कार नही हुआ था। अत्यधिक महत्वपूर्ण बातें, ज्ञान और आदेश पत्थरों, ताम्र-पत्रों और पाषाण-शिलाओं पर लिखे जाते रहे हैं। मंदिरों के पत्थरों की दीवारों पर, राजप्रासाद में या उसके परिसर में शिलाओं पर लेख प्राचीन काल के बारे में आज भी बहुत जानकारी देते हैं।

लेख किसी लिखावट को भी कहते हैं। किसी भी स्थान पर किसी लिपि में कुछ लिखा हो वह भी लेख है। लेख किसी लिपि में ( किसी भाषा मे) उद्देश्यपूर्ण लक्ष्यों के लिए लिखी जानकारी होती है। प्राचीन काल में अनेक लिपियां प्रचलित थी। जैसे ब्राह्मी लिपि, खरोष्ट्री लिपि, आदि। वर्तमान में हिंदी भाषा को हम देवनागरी लिपि में लिखते हैं।

लेख कई प्रकार के होते हैं। जैसे-आलेख, किसी विशेष उद्देश्य के लिए लघु आकर में लिखा गया लेख आलेख है, यह किसी की उद्घोषणा का आलेख (स्क्रिप्ट), किसी रूपक का आलेख, विज्ञप्ति के आलेख, किसी वक्तव्य (स्टेटमेंट) का आलेख आदि। लेख की एक विधा सुलेख भी है। इसमें लिखनेवाला अपनी हस्तलिपि का कौशल दिखता है। एक विधा श्रुतिलेख भी है। इसमें किसी अन्य व्यक्ति द्वारा बोले गए/पढ़े गए शब्दों को लिखा जाता है। लेखन में कई बार किसी संदर्भ को विवरण सहित लेख के नीचे लिखा जाता है, उसे पाद लेख कहते हैं।

लेख साहित्य में गद्य विधा है। इसे निबंध भी कहते हैं। इसके तीन भाग होते है-आरम्भ, मध्य और समापन। हिंदी निबंध लेखन का प्रारंभ भारतेंदु युग माना जाता है। भारतेंदु हरिश्चंद्र, प्रतापनारायण मिश्र, महावीर प्रसाद द्विवेदी आदि निबंध के आरंभिक साहित्यकार थे। लेख शब्द पर वि-उपसर्ग लगाकर बना शब्द है “विलेख”। यह शब्द आमतौर पर राजस्व विभाग में अधिक उपयोग में लाया जाता है। विलेख वह प्रपत्र होता है जो संपति के बारे में यह जानकारी देता है कि अमुक संपत्ति का विधिक उत्त्तराधिकारी कौन है? आम बोल चाल में इसे पट्टा-विलेख भी कहते हैं।

  • किसी भी पाठक को हिंदी शब्दों का अर्थ,व्यख्या की जानकारी की जिज्ञासा हो तो “शब्द संदर्भ” में पूछ सकते हैं

ये भी पढ़े :- शब्द का बढ़ाएं ज्ञान, जिज्ञासा का करें समाधान

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