राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए संघर्ष करने में जुटी महिलाएं

जोधपुर,राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए संघर्ष करने में जुटी मायड़ भाषा संघर्ष समिति की अध्यक्ष तरनीजा मोहन राठौड़ ने पूरे राजस्थान वासियों से आव्हान किया है कि वर्ष 2021 की होने वाली जनगणना में भाषा के कॉलम में राजस्थानी भरें, जिससे हमारी राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलने का मार्ग और बेहतर तरीके से प्रशस्त हो सके। जोधपुर के उम्मेद हेरीटेज में आयोजित नखराली गणगौर कार्यक्रम में मायड़ भाषा संघर्ष समिति की अध्यक्ष तरनीजा मोहन राठौड़ द्वारा जनगणना कार्यक्रम 2021के तहत जनगणना आवेदन में भाषा के कॉलम में राजस्थानी को चुनने का आव्हान किया। राजस्थानी पोशाक में शामिल हुई महिलाओं ने हाथ खड़े करके उन्हें भरोसा भी दिलाया कि वे से सभी जनगणना कॉलम में राजस्थानी भाषा चुनेंगी। समिति अध्यक्ष तरनीजा मोहन राठौड़ ने बताया कि जोधपुर की महिलाओं ने संकल्प लेकर राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए अलख जगाने का कार्य तो अपने हाथ में लिया है, राजस्थान प्रदेश वासियों को सोशल मीडिया के माध्यम से और विभिन्न आयोजनों के माध्यम से अपील करके जनगणना आवेदन में राजस्थानी भाषा को ही खुद की अपनी भाषा चुनने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वैसे भी हमारी अपनी पहली भाषा तो राजस्थानी ही है। बहुत जल्द हमारी संघर्ष समिति राजस्थान के 25 सांसदों और 200 विधायकों को जगाने का भी काम करेगी।

 

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