महिलाओं ने रखा वट सावित्री व्रत

जोधपुर, ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर गुरुवार को महिलाओं ने अखंड सौभाग्य की कामना के लिए वट सावित्री का व्रत रखा। इस मौके पर महिलाओं ने वट (बरगद) वृक्ष के पूजन और व्रत के माध्यम से अखंड सुहाग व संतान के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्या को यह पर्व इस बार शनि जयंती और सूर्यग्रहण के संयोग से और भी अधिक प्रभावी हो गया।

वट सावित्री व्रत का उल्लेख पौराणिक ग्रंथों स्कंद पुराण व भविष्योत्तर पुराण में भी विस्तार से मिलता है। व्रत के साथ सति सावित्री और सत्यवान की कथा जुड़ी है जिसमें सावित्री ने अपनी चतुराई, श्रद्धा और संकल्प से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस प्राप्त किए थे। ऐसी मान्यता है कि वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का निवास होता है। वटवृक्ष पवित्र, विशाल और दीर्घायु होता है इसलिए महिलाओं ने अपने पति के स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए इसकी पूजा की।

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