कहा सितम्बर -21 के पश्चात व्यापारी भूल जायेगे वैट

जोधपुर,जेआईए, टैक्स बार एसोसिएशन एवं वाणिज्यिक कर विभाग, जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में वैट, सीएसटी करों के लंबित प्रकरणों के निस्तारण हेतु राज्य सरकार द्वारा जारी वाणिज्यिक कर एमनेस्टी स्कीम-2021 पर खुली परिचर्चा का आयोजन शनिवार, को जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन सभागार में किया गया।

परिचर्चा के मुख्य अतिथि वाणिज्यिक कर एवं उपमहानिरीक्षक, पंजीयन एवं मुद्रांक, जोधपुर के उपायुक्त (प्रशासन) महिपाल कुमार ने उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा एमनेस्टी स्कीम के माध्यम से बहुत ही लाभकारी योजना व्यापारी वर्ग के लिए घोषित की गई है।

इस एमनेस्टी स्कीम में कर व्यावहारियों के पुराने प्रकरणों में ब्याज व पेनल्टी में शत-प्रतिशत छूट के साथ ही मूल टैक्स में 80 प्रतिशत तक की छूट का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने जोधुपर में कर व्यावहारियों के लंबित 88 हजार प्रकरणों में से शत्-प्रतिशत के निस्तारण का आश्वासन देते हुए कहा कि पुराने प्रकरणों में से 33 हजार प्रकरण, जिसमें केवल पेनल्टी व ब्याज लगाया गया है विभाग द्वारा त्वरित गति से स्वतः ही निस्तारित करने का प्रयास किया जाएगा।

परिचर्चा के प्रारम्भ में एसोसिएशन द्वारा मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्तओं का पौधे भेंट कर स्वागत किया गया। तदुपरांत एसोसिएशन के अध्यक्ष एनके जैन ने मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्तओं का शब्द स्वागत किया।

राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में जीएसटी लागू होने से पूर्व प्रचलित वैट, सीएसटी करों के लंबित प्रकरणों के निस्तारण हेतु 30 सितम्बर, 2021 तक वाणिज्यिक कर एमनेस्टी स्कीम-2021 की सराहना करते हुए एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का इस स्कीम का शुभारम्भ कर उद्यमियों को बकाया मांग से मुक्ति का सुनहरा अवसर देने के लिए हृदय की गहराई से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने वाणिज्यिक कर उपायुक्त को एसोसिएशन की ओर से विश्वास दिलाया कि पूरा एसोसिएशन प्रयास रत रहेगा, इसके लिए आप विभाग की ओर से उन सभी कर बकाया उद्यमियों की सूची एसोसिएशन को उपलब्ध कराएं जिनका किसी कारण पता नहीं चल पा रहा है।

एसोसिएशन उन उद्यमियों का पता लगाने में विभाग की सहायता करेगी ताकि सभी वैट एवं सीएसटी तथा प्रवेश कर की बकाया मांगों का शीघ्र निस्तारण हो सके। इसके साथ ही उन्होंने यह आशा व्यक्त कि आने वाले समय में जीएसटी के नियमों में सरलीकरण होगा जिससे इस प्रकार के लंबित प्रकरण फिर नहीं होंगे और ना ही इस तरह की एमनेस्टी स्कीम की आवश्यक्ता होगी।

परिचर्चा के मुख्य वक्ता वाणिज्यिक कर के संयुक्त आयुक्त केके व्यास ने कर व्यावहारियों से 30 सितम्बर तक जारी एमनेस्टी स्कीम का लाभ उठाने की अपील की। अन्यथा 30 सितम्बर के बाद पुराने कर व्यावहारियों की बकाया राशि स्वतः ही जीएसटी पोर्टल पर स्थानांतरित हो जाएगी व उसके बाद कर व्यावहारी को बकाया राशि ब्याज व पेनल्टी सहित चुकानी होगी।

परिचर्चा के दूसरे मुख्य वक्ता वाणिज्यिक कर संयुक्त निदेशक विनोद मेहता ने एमनेस्टी स्कीम की जानकारी देते हुए कहा कि इस स्कीम में ब्याज, लेट फीस एवं पेनल्टी की छूट के साथ-साथ टैक्स में भी छूट प्रदान की गई है। घोषणा पत्रों के मामलों में 80 प्रतिशत कर में बेवर भी प्रदान किया गया है।

इस स्कीम में व्यवहारियों को बिना विभाग गए अपनी मांग को कम करने की सुविधा होगी तथा प्रत्येक ऑनलाइन कार्य पर व्यवहारी को एसएमएस से जानकारी प्राप्त हो सकेगी।

विभाग के द्वारा आईटीसी सत्यापन के संबंध में भी एक सरल नोटिफिकेशन जारी किया गया है जिसका उपयोग कर व्यवहारी कम समय में सरलता से अपनी आईटीसी की मांग में कमी करवा सकेंगे। यह प्रक्रिया अत्यधिक सरल एवं लेस टाइम कन्सूमिंग है।

एक्स पार्टी कर निर्धारक को रिओपन कर निर्धारक अधिकारी भी कर सकेंगे। ठेकेदार के कैसेज में एआईएन नंबर लेने वैट-41 पेश करने एवं अन्य घोषणा पत्र पेश करने के लिए भी समय सीमा 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी गई है।

घोषणा पत्रों को पेश करने एवं जनरेटेड घोषणा पत्रों में संशोधन हेतु भी समय सीमा 30 जून 2021 तक है व्यवहारी इस स्कीम के तीनो चरणों का लाभ ले सकते हैं।

परिचर्चा के तीसरे मुख्य वक्ता वैट एवं जीएसटी एक्सपर्ट सीए डॉ. अर्पित हल्दिया ने चलचित्र के माध्यम से बताया कि सरकार द्वारा आईटीसी मिसमैच के मामलो को सुलझाने के लिए एक सरल योजना लाई गई है। उसकी अन्तिम तिथि 30 जून 2021 रखी गयी है।

इसमें विभाग द्वारा आईटीसी मिसमैच तीन विभिन्न श्रेणियों-एक लाख रूपये तक, एक लाख से दस लाख रूपये तक एवं दस लाख से अधिक रखी गयी है।

इसमे जहाँ पर आईटीसी मिसमैच एक लाख तक है वहाँ पर व्यवहारी द्वारा दी गयी जानकारी को आधार बना कर तथा जहाँ पर आईटीसी मिसमैच एक लाख से दस लाख है वहाँ पर व्यवहारी के शपथ पत्र एवं उपक्रम पिकंअप वत वैरी को आधार बना कर आईटीसी मिसमैच सुलझाने की योजना लाई गयी है।

ऐसे मामले जहाँ पर आईटीसी मिसमैच दस लाख से अधिक है वहाँ पर प्रक्रिया को और सरल बनाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने लंबित प्रकरणों के निस्तारण के लिए विभागीय अधिकारियों की भागीदारी सुनिश्चित करने की बात कही और बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी वाणिज्यिक कर एमनेस्टी स्कीम-2021 से औद्योगिक और कारोबारी ईकाईयों के संचालकों को सेल्स टैक्स, वैट, एंट्री टैक्स, लग्जरी टैक्स, बज्, एंटरटेनमेंट टैक्स से जुड़े वर्षों पुराने मामलों में राहत मिलेगी, तीन चरणों में प्रदेश में लागू हुई इस योजना में 30 जून 2017 तक के मामलों को निपटाने की कवायद है।

एमनेस्टी स्कीम का पहला चरण 31 मार्च तक संचालित होगा, दूसरा चरण 1 अप्रेल से लेकर 30 जून तक प्रभावी रहेगा तथा अंतिम और तीसरा चरण 1 जुलाई से 30 सितंबर तक प्रभावी होगा।

परिचर्चा के प्रारम्भ में कोषाध्यक्ष सोनू भार्गव ने मुख्य अतिथि वाणिज्यिक कर एवं उप महानिरीक्षक, पंजीयन एवं मुद्रांक, जोधपुर के उपायुक्त (प्रशासन) महिपाल कुमार का जीवन परिचय दिया। परिचर्चा में मंच का संचालन सह सचिव अनुराग लोहिया ने किया।

परिचर्चा के अंत में टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश भंडारी ने मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ताओं का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जेआईए पूर्व अध्यक्ष प्रकाश संचेती, शिव रतन मांधना निवर्तमान अध्यक्ष अशोक बाहेती कार्यकारिणी सदस्य अरूण जैसलमेरिया, बृज मोहन पुरोहित, अंकुर अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, राकेश दवे, एमके केशरी, टैक्स बार एसोसिएशन के सचिव मनोज गुप्ता सहित अनेक उद्यमी एंव चार्टर्ड एकाउंटेंट उपस्थित थे।