- 6.80 लाख आंगनबाड़ी केंद्र, 2.36 लाख ग्राम पंचायतों और 2.36 लाख जीपीएस/सीएचसी में पेयजल आपूर्ति
- 6.18 लाख स्कूलों के शौचालयों में नल का पानी
नई दिल्ली, देश में शुद्ध जल मुहैया कराने की दिशा में एक और उपलब्धि दर्ज हुई है। मात्र 10 महीने में 6.85 लाख (66%) स्कूल, 6.80 लाख (60%) आंगनबाड़ी केंद्र, 2.36 लाख (69%) ग्राम पंचायतों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में नल जल आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। 9 राज्यों आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु तथा केंद्र शासित अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सभी स्कूलों, आश्रमशालाओं और आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वच्छ नल जल आपूर्ति हो रही है।
बच्चों को सुरक्षित नल का जल सुनिश्चित करने के लिए पिछले साल 29 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अपील की थी कि वे स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों तक प्राथमिकता के आधार पर नल के पानी का कनेक्शन पहुंचाएं। प्रधानमंत्री के विजन को साकार के लिए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 2 अक्टूबर, 2020 को देशभर में बच्चों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए जागरुकता और तात्कालिकता की भावना लाने के लिए 100 दिनों का अभियान लॉन्च किया था।
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केंद्रीय मंत्री शेखावत ने बताया कि 10 महीने से कम समय में 6.85 लाख स्कूलों, 6.80 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों और 2.36 लाख जीपीएस/सीएचसी में पेयजल व मध्याह्न भोजन पकाने के लिए नल से जल की आपूर्ति हो रही है। 6.18 लाख स्कूलों के शौचालयों में नल का पानी है। 7.52 लाख स्कूलों में नल के पानी से हाथ धोने की सुविधा है। उन्होंने कहा कि नल जल आपूर्ति की यह व्यवस्था न केवल बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य में योगदान देती है, बल्कि डायरिया, पेचिश, हैजा, टाइफाइड आदि जलजनित रोगों को फैलने से भी रोकती है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पानी की उपलब्धता और उपयोग किए गए पानी का शोधन सुनिश्चित करने के लिए 91.9 हजार स्कूलों में वर्षा जल संचयन तथा 1.05 लाख स्कूलों में धूसर जल प्रबंधन प्रणाली लागू की गई है। इससे न केवल पानी की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि बच्चों में जागरुकता भी पैदा होगी। वे अपनी बढ़ती उम्र में जल प्रबंधन के विषय में सीखने के लिए प्रेरित होंगे।
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