जोधपुर, शहर के निकट पाल गांव में एक परिवार को समाज से बहिष्कृत कर हुक्कापानी बंद कर दिया गया। इस परिवार के मुखिया का कसूर इतना ही था कि उसने समाज को कुरीतियों से दूर रखने के लिए आवाज उठाई। समाज को नशे से दूर करने के लिए जागरूकता की अलख जगाने लगा। नाराज पंचों ने उस परिवार का बहिष्कृत कर दिया। पीडि़त ने अब पुलिस की शरण ली और केस दर्ज करवाया है।

बोरानाडा पुलिस ने बताया कि घटना को लेकर पाल गांव में रहने वाले जगदीश पुत्र किशनाराम मेघवाल की तरफ से रिपोर्ट दी गई। इसमें बताया कि उसने गांव में समाज के लोगों को नशे से दूर रहने के लिए अलख जगाई। डोडा पोस्त,अम्ल, शराब और मृत्यु भोज के त्याग की बात की थी। मगर इसको समाज के पंचों को यह नागवर गुजरा। तब सात पंचों की टीम जिनमें सुरजाराम और अन्य ने मिलकर उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया। उसके परिवार का हुक्कापानी बंद कर दिया। एक महिने तक वह पंचों के समक्ष अपनी बात रखता रहा, मगर वे नहीं माने। आखिरकार अब पीडि़त ने पुलिस को घटना के संबंध में समाज के पंचाों के खिलाफ रिपोर्ट दी है।

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