trees-mountains-and-forests-are-the-heritage-of-our-forefathers-jamuna-tudu

पेड़,पर्वत और जंगल हमारे पूर्वजों की धरोहर-जमुना टुडू

मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी की ओर से पर्यावरण संरक्षण संगोष्ठी का आयोजन

जोधपुर, मैने जंगल और पेड़ बचाने के लिए हार नहीं मानी। 2009 में जंगल माफिया ने मेरे घर में डकैती करवा दी। मुझ पर कई बार जानलेवा हमले किए गए।यह कहना है पद्मश्री लेडी टार्जन कही जाने वाली प्रख्यात पर्यावरणविद झारखंड की जमुना टुडू का। वे बुधवार को बुझावड़ स्थित मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी के सभागार में आयोजित पर्यावरण संरक्षण विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता बोल रही थीं।

यूनिवर्सिटी डिप्टी रजिस्ट्रार मोहम्मद अमीन ने बताया कि जमुना टुडू एक प्रसिद्ध भारतीय पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। उन्होंने अपने गांव के पास अवैध कटाई को रोका और वर्ष 1998 से 2022 तक के इस साहसिक सफर में न केवल 50 हेक्टेयर जंगल को उजड़ने से बचाया बल्कि 10 हजार से अधिक महिलाओं को एकजुट कर पेड़ों एवं वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए वन सुरक्षा समिति बनाई जो लाठी-डंडे व तीर-धनुष से ही माफियाओं से लोहा लेती हैं।

ये भी पढ़ें- बच्चे से करवाता था लेथ मशीन पर काम,केस दर्ज

trees-mountains-and-forests-are-the-heritage-of-our-forefathers-jamuna-tudu
इन्होंने जंगलों के विकास के लिए अपनी ज़मीन भी दान दे दी। झारखंड में इमारती लकड़ी माफियाओं और नक्सलियों से निपटने के लिए उन्हें ‘लेडी टार्जन‘भी कहा जाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में पर्यावरण की रक्षा के लिए इनके द्वारा किये गये बहादुरी के कार्यों की चर्चा की।

जमुना टुडू कहती हैं पेड़,पर्वत,जंगल और पर्यावरण हमारे पूर्वज की धरोहर हैं। हमें इनकी रक्षा के लिए सिर्फ सरकारों पर निर्भर न रहकर खुद की कोशिशों से भी निजी प्रयास करने होंगे। आज इनके परिश्रम से ही झारखंड के गांवों में बच्चे के जन्म पर 18 पेड़ व लड़की की शादी पर 10 पेड़ लगाये जाते हैं।

ये भी पढ़ें- मानसिक विमंदित गृह से दो युवक निकले

trees-mountains-and-forests-are-the-heritage-of-our-forefathers-jamuna-tudu

यूनिवर्सिटी के चैयरपर्सन मोहम्मद अतीक ने विश्वविद्यालय का परिचय देते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य है कि आपके झारखंड राज्य की तरह हमारी यूनिवर्सिटी सहित जोधपुर के आस-पास का क्षेत्र भी यहां के विद्यार्थियों व लोगों के प्रयासों से हरा-भरा हो जाए। आफरी के डायरेक्टर आईएफएस एमआर बलौच ने भी आफरी की ओर से वन सरंक्षण के लिए किये जा रहे कार्यो व आफरी से जुड़ी केन्द्र व राज्य सरकार की जनउपयोगी जानकारियां साझा की।

यूनिवर्सिटी के एडवाइजर कर्नल इदरिस खान ने भी भगवान शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि हमें भूमि, गगन, वायु व नीर की रक्षा करते हुए ऐसे कार्य करने होंगे जिससे प्रकृति को कोई हानि न हो।यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रेहाना बेगम ने बताया कि मारवाड़ मुस्लिम एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी की ओर से जमुना टुडू को इनकी उपलब्धि पर एक अभिनंदन पत्र पेश किया गया और सभी ने पयार्वरण संरक्षण का संकल्प लिया। कार्यक्रम से पूर्व एनसीसी कैडेट्स व स्काउट-गाइड ने जमुना टुडू को सलामी पेश की और विश्वविद्यालय परिसर मेें जमुना टुडू के हाथों पौधारोपण भी किया गया।

संगोष्ठी में कार्यक्रम संयोजक व सामाजिक सेवा एवं मानव अधिकार प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कविता श्रीवास्तव,समाजसेवी धीरेन्द्र श्रीवास्तव, पर्यावरणविद पवन चौहान, समाजसेवी रतनलाल श्रीवास्तव, कपिल सक्सेना,अनुपम श्रीवास्तव, ऋषि श्रीवास्तव,माधवी श्रीवास्तव, ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस जोधपुर अध्यक्ष आलोक सक्सेना,आर्मी पब्लिक स्कूल प्रिन्सीपल तबस्सुम खान,गंगाणा ग्राम विकास अधिकारी उषा चौधरी, शिक्षाविद सत्येन्द्र चौधरी, सोसायटी महासचिव निसार अहमद खिलजी, कोषाध्यक्ष अताउर्रहमान कुरैशी, सदस्य मोहम्मद साबिर, खुजिस्ता काजी, माई खदीजा नर्सिंग कॉलेज प्रिंसीपल जितेन्द्र खत्री, यूनिवर्सिटी डीन एकेडमिक्स डॉ इमरान खान पठान, विभिन्न संकाय डीन,एचओडी,असिस्टेंट प्रोफेसर सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे। संचालन मोहम्मद अमीन ने किया।

दूरदृष्टिन्यूज़ की एप्लिकेशन डाउनलोड करें- http://play.google.com/store/apps/details?id=com.digital.doordrishtinews