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सात साल के बच्चे के हृदय में जन्मजात छेद का बिना सर्जरी डिवाइस से उपचार

मथुरादास माथुर अस्पताल में हुआ निःशुल्क उपचार

जोधपुर,सात साल के बच्चे के हृदय में जन्मजात छेद का बिना सर्जरी डिवाइस से उपचार करने में सफलता।
शहर के मथुरा दास माथुर अस्पताल के हृदय रोग विभाग में बुधवार को एक सात साल के बच्चे के हृदय में जन्मजात छेद (VSD) का सफलता पूर्वक बिना सर्जरी डिवाइस लगाकर उपचार किया गया।हृदय के जन्मजात छेद मुख्यतया तीन तरह के होते हैं जिनमे VSD (Ventricular Septal Defect) का डिवाइस से उपचार सबसे कठिन माना जाता है।

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हृदय रोग विभाग में अब तक VSD डिवाइस के कुछ केस किए गये थे पर वे सभी बाहर से चिकित्सकों को बुला कर किए गये थे। बुधवार को किया गया डिवाइस प्रोसीजर हृदय रोग विभाग के डॉक्टर्स ने निश्चेतना विभाग कि मदद से स्वतंत्र रूप से किया। इस प्रक्रिया में डॉ रोहित माथुर,डॉ पवन सारडा,डॉ अनिल बारूपाल,डॉ राकेश कर्णावत,डॉ शिखा सोनी,डॉ गायत्री तंवर तथा नर्सिंग ऑफिसर महेंद्र, हरीश,हेमलता,करुणा,नंदकिशोर, नवीन और कैथ लैब टेक्निशियन का योगदान रहा।

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मरीज़ इस बीमारी से अहमदाबाद से इलाज करवाने गया था परंतु वहाँ यह इलाज अपने खर्चे पर ही हो पाता इसलिए मरीज़ के परिजनों ने मथुरा दास माथुर अस्पताल के हृदयरोग विभाग में संपर्क किया जहां प्राचार्य डॉ दिलीप कच्छवाहा तथा अधीक्षक मथुरादास माथुर अस्पताल डॉ विकास राजपुरोहित के देख रेख और सहयोग से मरीज़ का इलाज चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना के तहत पूर्णतः निःशुल्क किया गया।

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