मरुस्थलीकरण रोक व अवक्रमित भूमि के पुनःवन्यीकरण का प्रशिक्षण संपन्न
जोधपुर,(डीडी न्यूज)।मरुस्थलीकरण रोक व अवक्रमित भूमि के पुनःवन्यीकरण का प्रशिक्षण संपन्न। भावाअशिप-शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आफरी)जोधपुर में वन,पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय,भारत सरकार के उत्कृष्टता केंद्र,स्थायी भूमि प्रबंधन (सीईओ-एसएलएम)द्वारा “मरुस्थलीकरण रोक एवं अवक्रमित भूमि के पुनःवन्यीकरण हेतु रणनीतियाँ” विषय पर तीन दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण शुक्रवार को संपन्न हुआ।
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरेन्द्र कुमार महावर,डीआईजीपी एवं प्रिंसिपल राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर जोधपुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त पर्यावरण के प्रति तकनीकी ज्ञान को जिम्मेदारी एवं अनुशासन पूर्वक अपने कार्यक्षेत्र में अधिकाधिक उपयोग के साथ आमजन तक पहुचाने का अपेक्षा है। आफरी निदेशक डॉ.तरुण कान्त ने मुख्य अतिथि के स्वागत पश्चात अपने विचार व्यक्त करते हुए आफरी द्वारा अवक्रमित भूमि के पुनरुथान के लिए किये गए कार्यों को बताया। विश्वास व्यक्त किया कि उक्त प्रशिक्षण प्रशिक्षणार्थीयों के ज्ञानवर्धन में लाभकारी साबित होगा।
डॉ.संगीता सिंह,पाठ्यक्रम निदेशक ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की महत्ता बताते हुए सभी प्रतिभागियों से प्रशिक्षण के दौरान अर्जित ज्ञान को अमल में लाने को बात कही। प्रशिक्षण के द्वितीय दिन लुणावास अवक्रमित पहाड़ी क्षेत्र में राजस्थान की विलुप्त होती प्रजातियों का पौधारोपण एवं उनका वैज्ञानिक प्रबंधन तथा मरू-पारिस्थितिकी क्षेत्र ओसियाँ का भ्रमण किया। प्रशिक्षण के अंतिम दिन तकनीकी सत्र में डॉ. तरुण कान्त निदेशक आफरी व डॉ. अजय चौहान आरए,सीईओ एसएल एम ने व्याख्यान प्रस्तुत किये।
इस अवसर पर खेजड़ी संरक्षण पर एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। प्रतिभागियों ने आपने फीडबैक में प्रशिक्षण को बहुत उपयोगी बताया। आफरी द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गये। डॉ. संगीता सिंह पाठ्यक्रम निदेशक ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन डॉ.अंजली जोशी,वैज्ञानिक सी ने किया।