Doordrishti News Logo
  • बाबा दसमीं, खेजड़ली शहीदी मेला और वीर तेजाजी मेला
  • आरती और विशेष पूजा कर किए दर्शन

जोधपुर, मारवाड़ में इस बार भी लगातर दूसरे साल तीन प्रसिद्ध मेले नहीं भर पाए। लोकदेवता बाबा दसमीं मेला, खेजड़ली शहीदी मेला और खरनाल का वीर तेजाजी मेला आज नहीं भर पाए। मगर इनके मंदिरों में पूजा अर्चना कर लोगों ने दर्शन लाभ जरूर लिया। मगर इस बार भी गांव सूने सूने ही नजर आए।

लोक देवता बाबा रामदेव का मेला

लोकदेवता बाबा रामदेव मेले का आज अंतिम दिन था। मसूरिया मंदिर में सुबह जहां पूजा अर्चना की गई वहीं जातरूओं के लिए वचुर्अल आरती के दर्शन लाभ दिए गए। आज ही के दिन लोक देवता बाबा रामदेव ने रामदेवरा में समाधि ली थी। वहां पर भी मेला नहीं भरा। सुबह जरूर महाआरती का आयोजन रहा और पुजारियों द्वारा ही हिस्सा लिया गया। मेले पर इस बार पूर्णतया प्रतिबंध प्रशासन की तरफ से पहले ही लगा दिया गया था।

कोविड की तीसरी लहर

खेजड़ली शहीदी मेला

मारवाड़ का कल्पवक्ष माने जाने वाले खेजड़ी को बचाने के लिए आज ही के दिन विश्नोई समाज के 363 लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की दशमी पर जोधपुर जिले के खेजड़ली गांव में खेजड़ली के शहीदों को याद किया। 291 साल पहले मां अमृता देवी के नेतृत्व में विक्रम संवत् 1787 में 363 लोगों ने खेजड़ली के वृक्ष के चिपक कर पेड़ कटने का विरोध किया और अपने प्राणों की आहुति दी। इस स्थल पर शहीदों की याद में मेला भरता है लेकिन आज गुरुवार को मेला नहीं भरा लेकिन मंदिर में हवन व ध्वजारोहण हुआ और लोग दर्शन को पहुंचे।

मारवाड़ का कल्पवक्ष माने जाने वाले खेजड़ी को बचाने के लिए आज ही के दिन विश्नोई समाज के 363 लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। इन्हीं शहीदों की याद में भाद्रपद शुक्ल पक्ष की दशमी को हर साल खेजड़ली में मेला भरता गुरुवार को खेजड़ली में हवन का आयोजन कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। दरअसल, 291 साल पहले मारवाड़ के शासक राजा अभयसिंह को महल निर्माण के लिए लकडिय़ों की आवश्यकता हुई। उन्होंने अपने मंत्री को इसकी व्यवस्था का आदेश दिया। मंत्री की नजर जोधपुर से 24 किलोमीटर दूर खेजड़ली गांव में लगे खेजड़ी के पेड़ों पर पड़ी। महाराजा के सैनिक जब पेड़ काटने पहुंचे तो लोगों ने इसका विरोध किया।

वीर तेजाजी मेला

नागौर जिले के खरनाल में प्रतिवर्ष वीर तेजाजी का मेला भरता आया है। मगर गत दो वर्षों से मेले का आयोजन कोविड के चलते नहीं हो पाया। गुरूवार को भी मेला नहीं भर सका। खरनाल में वीर तेजाजी मंदिर में लाखों लोग शीश नवाने आते हैं। घोड़ा दौड़ इस मेले का मुख्य आकर्षण कई वर्षों से रहा है।

ये भी पढें – भारत विकास परिषद मुख्य शाखा का 15वां वैकसीनेशन शिविर सम्पन्न

दूरदृष्टिन्यूज़ की एप्लिकेशन अभी डाउनलोड करें – http://play.google.com/store/apps/details?id=com.digital.doordrishtinews

 

Related posts:

मारपीट कर दो लाख रुपए छीनने का आरोप

November 20, 2025

सर्विस बुक की अनुपलब्धता पेंशन में बाधक नहीं

November 20, 2025

यूको बैंक एटीएम से शातिरों ने उपकरण लगाकर ग्राहकों के फंसे 9 हजार निकाले

November 20, 2025

पानी की मोटर चुराने के बाद अन्य घटना करने वाले थे: तीन महिला सहित चार गिरफ्तार

November 19, 2025

अवैध बजरी खनन एवं परिवहन में वांटेड गिरफ्तार,टॉप टेन में चयनित

November 19, 2025

कांस्टेबल पर गाड़ी चढ़ाकर जान से मारने की नीयत का मामला: मुंबई की युवती सहित चार गिरफ्तार

November 19, 2025

उत्तर पश्चिम रेलवे को चालू वित्त वर्ष में 4,780 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड राजस्व

November 19, 2025

आयुर्वेद की शक्ति शास्त्राध्ययन और अनुसंधान में निहित-प्रो.गौड़

November 19, 2025

चुटकियों में धुलने लगी ट्रेन,भगत की कोठी में लगा ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट

November 19, 2025