आयुर्वेद विवि.में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस औषध मानकम का आयोजन गुरुवार से
- आयुर्वेद विश्वविद्यालय में होगा वैश्विक आयुर्वेद विशेषज्ञों का समागम
- आयुर्वेदिक औषधियों के मानकीकरण पर देश-विदेश के 344 विशेषज्ञ करेंगे मंथन
- 8 देशों और 13 राज्यों के प्रतिभागी करेंगे 260 शोधपत्रों का वाचन
- राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े करेंगे अध्यक्षता
- उपमुख्यमंत्री एवं आयुष मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा होंगे मुख्य अतिथि
- होम्योपैथी महाविद्यालय का राज्यपाल करेंगे लोकार्पण
- आयुर्वेदिक शोध और मानकीकरण पर 6 एमओयू पर होंगे हस्ताक्षर
- आयुर्वेद में वैज्ञानिक प्रमाणिकता और वैश्विक स्वीकृति पर जोर
- लगभग 500 प्रतिभागियों के साथ ‘औषध मानकम’ बनेगा आयुर्वेद शोध का केंद्र
- सम्मेलन आयुर्वेदिक औषधियों के भविष्य की दिशा तय करेगा
जोधपुर,आयुर्वेद विवि.में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस औषध मानकम का आयोजन गुरुवार से। डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर में 5 से 7 दिसंबर को तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस ‘औषध मानकम’ का आयोजन किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.(वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति ने बुधवार को एक प्रेसवार्ता तीन दिवसीय ‘औषध मानकम’ कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी मीडिया को दी।
प्रो.प्रदीप कुमार प्रजापति ने बताया कि इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम ‘औषध मानकम’ में राजस्थान के राज्यपाल और कुलाधिपति हरिभाऊ बागड़े अध्यक्षता करेंगे। जबकि मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री एवं आयुष मंत्री डॉ.प्रेमचंद बैरवा होंगे। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर पूर्व कुलपति प्रो.बीएल गौड़,गुजरात आयुर्वेद विवि के पूर्व कुलपति डॉ.एसएस सावरीकर और एम्स जोधपुर के अध्यक्ष डॉ.एसएस अग्रवाल भी विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे।
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उन्होंने बताया कि इस अवसर पर राज्यपाल परिसर स्थित होम्योपैथी महाविद्यालय का लोकार्पण करेंगे। इस अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में देश विदेश के कुल 344 एवं विश्व विद्यालय के 150 प्रतिभागी सहित कुल लगभग 500 प्रतिभागी शामिल होंगे। जिसमें 8 देशों और भारत के 13 राज्यों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। कॉन्फ्रेंस के दौरान कुल 260 शोधपत्रों का वाचन किया जाएगा।
कॉन्फ्रेंस में 6 प्लेनरी सेशन और 17 पैरेलल सेशन आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों में आयुर्वेद औषधियों के मानकीकरण,उनकी गुणवत्ता और अनुसंधान पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा।
कॉन्फ्रेंस के दौरान विभिन्न संगठनों और संस्थानों के बीच कुल 6 एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। ये एमओयू आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान,शिक्षा और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं।
कुलसचिव अखिलेश पीपल ने बताया कि इस आयोजन से न केवल आयुर्वेद के क्षेत्र में शोध को प्रोत्साहन मिलेगा,बल्कि नई शोध दिशाओं का भी उद्घाटन होगा। कार्यक्रम के आयोजन अध्यक्ष प्रो.गोविन्द सहाय शुक्ल ने बताया कि इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अमेरिका,जर्मनी,जापान, श्रीलंका और नेपाल सहित 8 देशों के प्रतिनिधि उपस्थित होंगे। भारतीय प्रतिनिधि भी विभिन्न राज्यों से इस आयोजन में भाग लेने आ रहे हैं।
यह कॉन्फ्रेंस आयुर्वेद की समृद्ध परंपरा और आधुनिक विज्ञान के समन्वयन का उत्तम उदाहरण प्रस्तुत करेगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आयोजन उपाध्यक्ष एवं द्रव्यगुण विभागाध्यक्ष प्रो.चन्दन सिंह,उप कुलसचिव डॉ. मनोज कुमार अदलक्खा,विवि के मीडिया प्रभारी एवं क्रिया शारीर के विभागाध्यक्ष प्रो.दिनेशचंद शर्मा एवं सहायक आचार्य,डॉ प्रवीण प्रजापति उपस्थित थे।