हजारों दिव्यांगों ने महापंचायत में लिया भाग,कलेक्टर को दिया ज्ञापन

जोधपुर,हजारों दिव्यांगों ने महापंचायत में लिया भाग,कलेक्टर को दिया ज्ञापन। प्रदेश के लाखों दिव्यांगो की आवाज सरकार तक पहुंचाने के लिए सत्य प्रेम करुणा सेवा संस्थान जोधपुर एवं दिव्यांग सेवा संस्थान पाली द्वारा शुक्रवार को जोधपुर में दिव्यांगजन की एक महापंचायत का आयोजन किया गया। संस्थान के अध्यक्ष हुकमाराम भाटी ने बताया कि अभी भी राजस्थान के लाखों दिव्यांग विभिन्न प्रकार की समस्याओं से ग्रसित हैं,उनको धरातल पर काफी सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है।फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र प्राप्त करके हजारों लोग वास्तविक दिव्यांगों का हक छीन रहे हैं लेकिन सरकार कोई कार्यवाही नहीं कर रही है और जब सरकार ने दिव्यांगजनों को सभी जगह पर 4 प्रतिशत आरक्षण दे रखा है तो फिर राजनीति में आरक्षण क्यों नहीं दिया जा रहा है। दिव्यांगों को दिया गया 4 प्रतिशत आरक्षण का भी सही तरीके से वर्गीकरण नहीं किया गया है। ऐसी कई समस्याएं हैं जिससे दिव्यांग पीड़ित है और सुनने वाला कोई भी नहीं है। हर समाज के लोग अपनी संख्या बल बताकर सरकार से बहुत कुछ हासिल कर लेते हैं,लेकिन सरकार सोचती है कि दिव्यांगों के पास में वोट बैंक नहीं है,इसीलिए कोई भी सरकार दिव्यांगों की पुकार नहीं सुनती है। इस महापंचायत के माध्यम से हमने आज सरकार को दिव्यांगजनों की संख्या बताई है।

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हुकमाराम भाटी ने बताया कि कार्यक्रम के अंत में दिव्यांगजनों की विभिन्न प्रकार की मांगों को जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया गया। ज्ञापन देने के दौरान पूर्व सांसद नारायण सिंह माणकलाव,झालाराम देवासी अध्यक्ष दिव्यांग सेवा संस्थान पाली,रामलाल चौधरी खातियासनी,मंजू कसवा, पापालाल सांखला नागौर,उत्तम जैन जयपुर,जवान बन गोस्वामी विकलांग शिक्षण संस्थान जोधपुर,नरसीराम जीनगर बाड़मेर,गौतम प्रजापत बालोतरा आदि कई प्रतिनिधि मौजूद थे।

दिव्यांगजनों की प्रमुख मांग है
(1) दिव्यांगजनों के लिए विशेष और सीधी भर्ती निकाल कर उनको योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी दी जाए।
(2) लिमिटेड कंपनियों में भी दिव्यांग जनों को स्थाई नौकरी दी जाए, सरकार उन्हें बाध्य करें।
(3) ऐसे फर्जी लोग जो दिव्यांग लोगों का हक छीनने के लिए फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों की जाँच की जाए।
(4) सरकारी नौकरियों में दिव्यांग आरक्षण को Horizontal से हटाकर Vertical किया जाए।
(5) एससी,एसटी,ओबीसी एवं महिलाओं की तरह दिव्यागों को भी राजनीति के क्षेत्र में आरक्षण दिया जाए।
(6) खेल क्षेत्र में दिव्यांगों की सुविधाओं को बढ़ावा देकर खेल मैदानों में दिव्यांगों का प्रवेश पूर्णतः निःशुल्क किया जाए।
(7) किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा में दिव्यांगों को परीक्षा केंद्र गृह जिला दिया जाए और उससे किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाए।
(8) सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिये क्रियान्वित समस्त योजनाओं के नियमों में सरलीकरण किया जाए जिससे सभी दिव्यांग सरकारी योजनाओं का फ़ायदा उठा सकें।
(9) सरकार द्वारा प्रत्येक ज़िले में दिव्यांग कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए,जिसके द्वारा समय-समय पर दिव्यांगों की समस्याओं का आंकलन एवं निराकरण किया जा सके और उसका सदस्य दिव्यांग ही होना चाहिए।
(10) दिव्यांगजनों को स्वरोज़गार से जोड़ने हेतु सरकार द्वारा निगम या सरकारी बोर्ड की ज़मीनों पर निर्मित दुकानों का किराए पर आवंटन में ज़्यादा से ज़्यादा दिव्यांगों को प्राथमिकता दी जाए।
(11) सरकार द्वारा आवंटित आवासीय योजना की प्री-सिक्योरिटी राशि को दिव्यांगों के लिये पूर्णतः माफ़ किया जाए जिससे जरूरतमंद दिव्यांग भी योजना का लाभ ले सके।
(12) दिव्यांगों के लिये कॉलेज स्तर पर प्रत्येक ज़िले में निःशुल्कआवासीय छात्रावास का निर्माण किया जाए।
(13) अनपढ़ दिव्यांगों के रोज़गार के लिए ई-रिक्शा की राशि पर 50 प्रतिशत सरकार द्वारा सब्सिडी का प्रावधान किया जाए।
(14) सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत मिलने वाली ऋण योजनाओं में सरकारी गारण्टर की अनिवार्यता को ख़त्म किया जाए।
(15) दिव्यांग जन की पेंशन 1000 रुपए से बढ़ाकर 3000 की जाए।
(16) दिव्यांगजन का आरक्षण 4 प्रतिशत से 10 प्रतिशत किया जाए।

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