- सत्यमेव जयते सिटिजन सोसायटी द्वारा बाल श्रम एवं बाल भिक्षावृत्ति पर ऑनलाइन कार्यशाला
- बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
जोधपुर, जोधपुर के सामाजिक संगठन सत्यमेव जयते सिटीजन सोसायटी द्वारा बाल श्रम एवं बाल भिक्षावृत्ति रोकने के लिए चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन आधार पर कार्यशाला और परिचर्चा का आयोजन राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास एवं बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल के आतिथ्य में किया गया।
सोसायटी सचिव चंद्र किरण दवे ने बताया कि, सोसायटी अध्यक्ष विमला गट्टानी के निर्देशन में जोधपुर को बाल श्रम एवं बाल भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए लगातार सत्यमेव जयते परिवार की टीम अलग-अलग कच्ची बस्तियों व सम्बन्धित मोहल्लों में जाकर जागरूकता का काम कर रही है। इसी बीच और अधिक जागरूकता के उद्देश्य से ऑनलाइन आधार पर कार्यशाला और परिचर्चा का आयोजन किया गया।
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जिसको संबोधित करते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास ने कहा कि, सत्यमेव जयते परिवार निश्चित रूप से जागरूकता फैलाकर पुनर्वास के उद्देश्य से नवाचार कर रहा है लेकिन जब तक इन बच्चों को शत प्रतिशत शिक्षा से और इनके परिजनों को जागरूकता से नहीं जोड़ा जाएगा तब तक सार्थक परिणाम हासिल करना बड़ी चुनौती है। यदि इन बच्चों में पढ़ाई के प्रति जिज्ञासा व परिवारजनों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करेंगे तो निश्चय ही भिक्षावृत्ति और बाल श्रम से बाहर निकलकर यह बच्चे पढ़ लिख कर अपना भविष्य बना पाएंगे।
राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि, राज्य सरकार द्वारा पूरे प्रदेश को बाल भिक्षावृत्ति और बाल श्रम मुक्त बनाने के उद्देश्य से बाल संरक्षण आयोग द्वारा तो प्रयास किए ही जा रहे हैं मगर जोधपुर के सामाजिक संगठन सत्यमेव जयते सिटीजन सोसायटी द्वारा किए गए प्रयासों से सार्थक परिणाम आ रहे हैं। निश्चय ही वे प्रेरणादायक है, पूरे प्रदेश में सत्यमेव जयते परिवार ने अपने इस नवाचार से बड़ी जागरूकता का काम किया है।
बाल श्रम और बाल भिक्षावृत्ति में शामिल बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के अलावा उनके परिवार जनों को जागरूक किया जाना निश्चय सराहनीय कदम है। ऐसे प्रयास लगातार चलते रहे तो इन सभी को शिक्षा से जोड़ने में बड़ी कामयाबी मिलेगी। इस अवसर पर सोसाइटी के एडवाइजरी बोर्ड के निदेशक मुकेश बंसल ने बताया कि हमारे संस्थान के पंजीकरण के वक्त से ही उद्देश्यों में बाल श्रम एवं बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम विषय शामिल हैं। इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए राजस्थान सरकार के बाल अधिकारिता विभाग और बाल संरक्षण आयोग की ओर से इस संस्थान को पिछले वर्ष लिखित में ही नियमानुसार अनुमति दे दी गई थी मगर कोरोना वायरस काल के चलते यह कार्य बच्चों एवं सत्यमेव जयते परिवार के सदस्यों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर शुरू नहीं किया गया था मगर अब न केवल शुरू कर दिया गया है बल्कि अच्छे परिणाम भी आ रहे हैं।
प्रारंभ में बाल श्रम रोकथाम जागरूकता समिति के अध्यक्ष प्रवीण मेढ़ और बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम समिति की अध्यक्ष संतोष मेहता ने जागरूकता अभियान के अनुभवों से रूबरू कराया। सोसाइटी के एडवाइजरी बोर्ड के निदेशक ललित सुराणा ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में सत्यमेव जयते परिवार के सदस्य हस्तीमल सारस्वत,दीपक कोरपाल,डॉ हेम सिंह गौड़, डॉक्टर अभिषेक चौहान, डॉ अनुपमा, आशा फोफलिया, बिंदु भंडारी, अश्विनी दास, दौलत सिंह सांखला, दीपक जोशी, दीपक सिंह गहलोत,अरविंद सिंह कच्छवाहा, अनिल बालानी,दिव्या दाधीच, फरजाना चौहान, प्रिया राज, संतोष माहेश्वरी,प्रियंका झाबक,डॉ प्रियंका नरुका, डॉ जितेंद्र सिंह, तरनीजा मोहन राठौड़,डॉ विकास राजपुरोहित, डिंपल मालवीय, रेणुका मालवीय, प्रीति कौशल,रेखा धनकानी,शीतल कंवर,नीना चौधरी, तरनुम खान, अमृता एस दूदिया,श्रेणीक जैन, अभिषेक भाटी व वन्दना सांखला ने शिरकत की।
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