जोधपुर, मानसून की पर्याप्त बारिश नही होने से अब फिर से गर्मी व उमस ने शहरवासियों को हलकान करना शुरू कर दिया है। हल्के बादलों के बीच सूर्यदेव तमतमाए हुए हैं। तापमान में बढ़ोत्तरी होने से गर्मी का अहसास ज्यादा होने लगा है। बुधवार को दोपहर तक पारा 38 डिग्री तक पहुंच गया। उमस की मार भी झेलनी पड़ रही है। मौसम विभाग ने 20 अगस्त के बाद प्रदेश में मानसून की सक्रियता के आसार जताए हैं। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। इससे मौसम में नमी बनने के साथ बारिश की आस की जा सकती है। मारवाड़ में फिर से गर्मी का सितम बढ़ गया है।

जोधपुर, जैसलमेर, पाली, सिरोही और बाड़मेर में हल्के बादलों की आवाजाही बनी है। मगर बारिश के समाचार नहीं मिले है। गर्मी व उमस का कहर बढऩे से लोगबाग हलकान जरूर होने लगे हैं।
पश्चिमी राजस्थान में इस बार सूखे के आसार बने हैं। इस मौसम की 25 फीसदी भी बारिश मारवाड़ में नहीं हुई है। अलबत्ता पूर्वी राजस्थान में कई जिलों में अच्छी बारिश और सामान्य से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इस बार मानूसन की लेटलतीफी से मौसम विभाग ने मानसून का दौर भी 30 सितंबर तक चलने की उम्मीद जताई है।

जो अमूमन 15 सितंबर तक विदा हो जाता है। सावन का महिना बीतने में अब सिर्फ 3 दिन शेष है। सावन माह भी पश्चिमी राजस्थान के लिए वरदान साबित नही हो सका। देखा जाए तो मानसून की बारिश नहीं होने से पेयजल संकट गर्मियों के दिनों में बढ़ सकता है। पेजजल स्त्रोत भी सूखने के कगार पर हैं। बांधों में वर्तमान जलस्तर घटने लगा है। जोधपुर संभाग के 123 बांधों का जलस्तर गिरकर मात्र 4.8 प्रतिशत रह गया है जो पिछले साल से भी 4.9 प्रतिशत कम है।

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