- पुलिस ने बंदी भगाने में प्रयुक्त होने वाले वाहन किए जब्त
- सोची समझी साजिश के तहत दिया था अंजाम
- जैसलमेर पुलिस का रहा सहयोग
- मदासर निवासी मनीष कुमार सारण को किया गिरफ्तार
- फरार बंदियों का आज भी सुराग हाथ नहीं लगा
- 5 अप्रेल को फलोदी उपकारागार से एक साथ 16 बंदी फरार हुए थे
- प्रकरण में महिला जेल प्रहरी सहित दो अन्य प्रहरी हुए थे निलंबित
- फलोदी उप कारागार के जेलर को भी सस्पेंड कर दिया गया था
जोधपुर, फलोदी उपकारागार से 5 अप्रेल को 16 बंदियों को भगाने के प्रकरण में पुलिस ने आज अहम सफलता हासिल कर उसके मुख्य सूत्रधार को पकड़ा है। अभियुक्त ने ही बंदियों को भगाने के लिए अपने तरफ से वाहन उपलब्ध करवाए थे। पुलिस लगातार गाड़ी के मॉडल को ट्रेस करती रही और आखिरकार आज कामयाबी मिल गई। अब उससे गहन पूछताछ की जा रही है।
जानकारी में सामने आया कि सोची समझी साजिश के तहत इस वारदात को अंजाम दिया गया था। जैसलमेर पुलिस का भी इसमें सहयोग लिया गया।
ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल ने बताया कि फलोदी उप कारागार से 16 बंदियों के फरारी के मामले में पुलिस ने रविवार को मुख्य सूत्रधार जैसलमेर जिले के नोख थानान्तर्गत मदासर निवासी मनीष कुमार सारण पुत्र मानाराम सारण को गिरफ्तार किया है। उसी ने बंदियों को भगाने में अहम कड़ी निभाई थी। उसने बंदियों को भगाने के लिए अपनी तरफ से एसयूवी आदि वाहन उपलब्ध करवाए।
पुलिस बदमाशों की धरपकड़ के लिए लगी थी कि पता लगा कि गाड़ी मॉडल व आस पास से तकनीकि जानकारी जुटाकर मनीष कुमार सारण का पता लगाया गया। बंदियों को उसने जोधपुर के कच्चे पक्कों रास्तों से निकाल वहां से बाहर भिजवा दिया। उसके लोकेशन को ट्रेस करने के लिए जैसलमेर एसपी विपिनचंद्र को इसके लिए बताया गया। तब जैसलमेर पुलिस को भी साथ लिया गया।
रविवार को मुख्य सूत्रधार मनीष कुमार सारण हत्थे चढ़ गया। उसकी निशानदेही पर एसयूवी जब्त की गई है। इधर फरार बंदियों का आज भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। वे अब भी पुलिस की पकड़ से दूर है। गौरतलब है कि गत 5 अप्रेल की शाम को फलोदी उपकारागार से एक साथ 16 बंदी फरार हो गए थे। बंदियों के फरारी प्रकरण में महिला जेल प्रहरी सहित दो अन्य प्रहरी को भी निलंबित किया गया। फलोदी उप कारागार के जेलर को भी सस्पेंड कर दिया गया था।