बादलों के बीच खिली धूप, पारा गिरने पर ठिठुरन बढ़ी

बादलों के बीच खिली धूप, पारा गिरने पर ठिठुरन बढ़ी

जोधपुर, उत्तर भारत के पर्वतीय इलाकों में हो रही बर्फबारी और प्रदेश में हुई बारिश के बाद अब सर्दी अपने यौवन पर है। सर्दी पूरी तरह चमक बिखेर रही है। पश्चिमी विक्षोभ भी खत्म हो गया है। मगर प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश और ओलावृष्टि से ठंड में तेजी आ गई है। मारवाड़ में भी सर्दी का असर तेज है। गुरूवार को जोधपुर शहर और आसपास के इलाकों में बादलों की आवाजाही बनी रही। धूप भी खिली मगर ठिठुरन बढ़ गई। ज्यादातर लोग धूप का सेवन करते देखे गए। न्यूनतम तापमान पांच डिग्री तक गिरने से सर्दी तेजी पर है। अलसुबह शहर का तापमान 10 डिग्री के आसपास बना रहा। मगर दिन चढऩे और धूप खिलने से पारा चढ़ा जो दोपहर तक 20-21 डिग्री तक पहुंचा। तापमान में गिरावट से सर्दी का असर बना हुआ है। छांव में धूजणी बनी रही धूप से कुछ राहत महसूस की जा रही थी। हवा फिलहाल धीमी गति से चल रही है। मौसम विभाग की मानें तो आगामी जनवरी प्रथम सप्ताह तक सर्दी का असर बना रहेगा। नववर्ष की शुरूआत सर्दी के साथ होगी।

मारवाड़ के जैसलमेर, जोधपुर, नागौर, बाड़मेर आदि इलाकों में हुई बारिश और ओलावृष्टि ने ठंड में इजाफा किया है। एक साथ दो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुए थे। जिससे प्रदेश में बादल बारिश का दौर चला। विक्षोभ का असर खत्म होने के साथ बादल बारिश का दौर भी थम गया। मगर वातावरण में ठंडक घुल गई। सर्दी के असर से गलन महसूस की जा रही है। कंपकंपी और धूजणी छूट रही है। इधर जोधपुर शहर और आसपास ग्रामीण इलाकों में सुबह धूप खिली। बादलों की आवाजाही भी बनी हुई है। आसमां में बादल छाए हुए हैं। शीत लहर की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

सर्दी के बढ़ते असर ने आम लोगों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित करना शुरू कर दिया है। लोग लेटलतीफी के शिकार होने लगे हैं। गर्म लबादे और गर्म खानपान की मांग बढऩे लगी है।

तिब्बती मार्केट में बढ़ी ऊनी कपड़ों की डिमांड

सर्दी बढऩे से रेलवे स्टेशन पर अस्थाई रूप से प्रतिवर्ष ऊनी कपड़ों की दुकानें लगाने वालों के यहां भी काफी लोगों की भीड़ जुटने लगी है। ऊनी कपड़ों की डिमांड बढ़ गई है। लोग ऊनी कपड़ों की खरीदफरोख्त में भी लगे है।

फुटपाथियों की रातें गुजरी रैन बसेरे में, सुविधाएं नहीं

सर्दी के मौसम में प्रतिवर्ष नगर निगम की तरफ से फुटपाथ पर बसर करने वाले लोगों के लिए रैन बसेरे लगाए जाते हैं। ताकि वे सर्दी से अपना बचाव कर सकें। मगर रेलवे स्टेशन, चौपासनी हाऊसिंग बोर्ड में लगाए गए रैनबसेरों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने से फुटपाथियों को राहत नहीं मिल पा रही। वे ठंड में भी रैनबसेरों में आराम नहीं पा रहे है। निगम की तरफ से कंबलों का वितरण भी किया गया। जो अपर्याप्त रहा।

दूध फिणियां और जलेबी की मांग बढ़ी

सर्दी बढ़ते देख लोगों ने अपने खान पान में काफी बदलाव कर लिया है। रात को दुकानों पर दूध फिणियोंं और जलेबी की मांग बढऩे लगी है। इसके अलावा घरों में भी महिलाओं ने गूंदगिरी,मैथी के लड्डू बनाने शुरू कर दिए हैं। इनका सेवन अलसुबह भोर के समय किया जाता है।

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