टेढ़े पैर की जन्मजात बीमारी का जिला चिकित्सालय में किया सफल उपचार

  • 11 माह की मेहनत लाई रंग
  • परिजनों की आंखे खुशी से छलकी

पीपाड़सिटी/ जोधपुर, हजारों नवजात बच्चों में से एक बच्चे को पैर के टेढ़ेपन यानि कल्ब फुट की बीमारी होती है। यह बीमारी दुर्लभ बिमारियों में से एक होती है यदि समय पर इस बीमारी का उपचार नही किया गया तो इस बीमारी से ग्रसित अधिकांश बच्चे आजीवन अपाहिज का जीवन जीने के लिए मजबूर हो सकते हैं। समय रहते ही इसका उपचार जरूरी है, बच्चे के बड़े होने पर इसका ईलाज मुश्किल हो जाता है तथा बाद में ऑपरेशन भी इसका विकल्प नहीं बन पाता है। इसलिए विशेषज्ञ चिकित्सकों का मानना है कि ऐसे लक्ष्णों वाले पैदा होने वाले बच्चों का उपचार अविलम्ब शुरू करना आवश्यक है, ताकि उन्हे आजीवन विकलांगता से बचाया जा सके।

टेढ़े पैर की जन्मजात बीमारी का जिला चिकित्सालय में किया सफल उपचार

पीपाड़सिटी राजकीय जिला चिकित्सालय में भी गत 11 माह पूर्व जन्मा बच्चा इसी बीमारी से ग्रसित था जिसके पैर जन्म से ही टेढ़े थे। इस सम्बंध में स्थानीय चिकित्सालय में कार्यरत अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेन्द्र चौधरी ने जब बच्चे में इस जन्मजात बीमारी को देखा तो उन्होने इस बच्चे का समुचित ईलाज करने का निर्णय लेते हुए परिजनों को समझाईस की कि इसमें समय लगेगा लेकिन बच्चा एकदम ठीक हो जायेगा तो परिजन यहीं पीपाड़ के राजकीय जिला चिकित्सालय में इलाज हेतु मान गए तब ऑर्थाेपेडिक सर्जन डॉ. राजेन्द्र चौधरी ने बच्चे का उपचार करना शुरू किया एवं लगभग 11 महिने की मेहनत के बाद उनको सफलता हाथ लगी और अब इस बच्चे के पैर एक दम ठीक होकर सामान्य बच्चे की तरह से दिखाई देने लगे हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेन्द्रसिंह परिहार ने बताया कि निकटवर्ती ग्राम घाणामगरा निवासी ओमप्रकाश के पुत्र हंसराज की जन्मजात पैर के टेढ़ेपन की बीमारी को देखने बाद ऑर्थाेपेडिक सर्जन डॉ. राजेन्द्र चौधरी ने इस बच्चे का उपचार विभिन्न विधियों से करते हुए बच्चे का सफलतम उपचार किया। अपने बच्चे कीे गंभीर बिमारी का ईलाज होने एवं बच्चे के अपंगता से बचने पर बच्चे की माता भी खुशी से फूली नहीं समा रही थी उसकी आंखो से खुशी के आंसु छलक आये तथा बच्चे के माता-पिता ने चिकित्सकों का आभार प्रकट करते हुए उन्हे ढ़ेरों दुआओं से नवाजा। ऑर्थाेपेडिक सर्जन डॉ. राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि आगे भी इस प्रकार से आने वाले गंभीर चिकित्सकीय मामलो में मरीजों का समुचित ईलाज कर उन्हे लाभान्वित करने के प्रयास किया जाएगा।

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