एमजीएच में दूरबीन से बड़ी आंत के कैंसर का सफल ऑपरेशन

  • पांच घंटे के ऑपरेशन के बाद स्वस्थ हुआ मरीज
  • नहीं लगाना पड़ा चीरा

जोधपुर,एमजीएच में दूरबीन से बड़ी आंत के कैंसर का सफल ऑपरेशन। शहर के महात्मा गांधी अस्पताल में ईआरएएस प्रोटोकाल के तहत 3डी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी लेप्रोस्कोपिक राइट हेमीकोलेक्टोमी विथ सेंट्रल वैस्क्युलर लायगेशन सफलता पूर्वक किया गया।

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अधीक्षक डॉ.फ़तेह सिंह भाटी ने बताया कि भोपालगढ़ निवासी एक मरीज़ को भूख न लगने,पेट फूला रहने तथा वजन कम होने की शिकायत थी। उसने गेस्टरोसर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ.दिनेश चौधरी को दिखाया। जांच करने पर उसकी बड़ी आंत में कैंसर पाया गया।

सामान्यतया बड़ी आंत के कैंसर का ऑपरेशन चीरे की विधि से किया जाता है जिसमें बीस सेमी का चीरा लगाना पड़ता है तथा ऑपरेशन के बाद भी मरीज़ को 10-12 दिन भर्ती रखना पड़ता है। मरीज़ का दूरबीन विधि से पहली बार लेप्रोस्कोपिक राइट हेमिकोलेक्टोमी सेंट्रल वैस्क्युलर लायगेशन टोटल मिसोकोलिक एक्सीजन नामक ऑपरेशन किया गया जो तकनीकी रूप से दूरबिन से करना बहुत जटिल है।

ऑपरेशन में केवल चार टांके लगे और ऑपरेशन के तीन दिन बाद ही मरीज़ एकदम स्वस्थ है तथा डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। ऑपरेशन में पांच घंटे का समय लगा।

डॉक्टर्स यह टीम थी शामिल 
ऑपरेशन टीम में गेस्ट्रो सर्जरी विभाग से डॉ.दिनेश चौधरी,डॉ. कौशल,डॉ.विशाल,डॉ.विजय,डॉ. शुभम,डॉ.मानवी,ओटी इंचार्ज अरविंद अपूर्वा,गणपत नगाराम, निश्चेतना विभाग से डॉ.प्रमिला सोनी, डॉ.अनीशा,डॉ.जितेंद्र,डॉ.रेणुका,डॉ. जेनिफऱ,डॉ.अमृता ने सहयोग किया।टीम को डॉ.एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिन्सिपल एवं कंट्रोलर डॉ.बीएस जोधा ने सफल ऑपरेशन के लिए बधाई दी।

अस्पताल में कैंसर का इलाज अब दूरबीन से 
महात्मा गांधी अस्पताल अधीक्षक डॉ.फ़तेह सिंह भाटी ने बताया कि अस्पताल के गेस्ट्रो सर्जरी विभाग में अब नियमित रूप से आंतों और लिवर के कैंसर का इलाज दूरबीन से हो रहा है जिसमें आमाशय,मलाशय आहार नली,पित्त की थैली और अग्न्याशय के कैंसर का ऑपरेशन सम्मिलित है।