सॉफ्टवेयर चोरी भी साइबर अपराध का हिस्सा
- साइबर अपराध सेमिनार
- बच्चों की जिज्ञासाओं को किया शांत, एक हजार से ज्यादा बच्चों को किया जागरूक
जोधपुर, सामाजिक संगठन सत्यमेव जयते सिटीजन सोसायटी और शैक्षिक संस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ लीडरशिप एंड स्किल डवलपमेंट द्वारा साइबर अपराध से बचाव के लिए चलाये जा रहे जागरूकता कार्यक्रम के तहत इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट में जोधपुर के संभागीय आयुक्त डॉ राजेश शर्मा के मुख्य आतिथ्य में सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें अध्यक्षता इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट के प्राचार्य केजी दुबे ने की।
सत्यमेव जयते सिटीजन सोसाइटी की अध्यक्ष विमला गट्टानी ने सेमिनार में बताया कि अब तक कॉलेजों में ही जागरूकता का कार्यक्रम चल रहा था मगर अब स्कूलों में भी यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। नेशनल सिक्योरिटी डेटाबेस से अधिकृत इंटरवेंशन ऑफिसर अमृता एस दूदिया ने अपने व्याख्यान में कहा कि,जिस तेजी से तकनीक ने प्रगति की है, उसी तेजी से मनुष्य की इंटरनेट पर निर्भरता भी बढ़ी है। आज के समय में हर वो चीज़ जिसके विषय में इंसान सोच सकता है,उस तक उसकी पहुँच इंटरनेट के माध्यम से हो सकती है, जैसे कि सोशल नेटवर्किंग, ऑनलाइन शॉपिंग, डेटा स्टोर करना,गेमिंग,ऑनलाइन स्टडी, ऑनलाइन जॉब इत्यादि।
साइबर अपराधों की अवधारणा भी विकसित
दूदिया ने कहा कि इंटरनेट का उपयोग लगभग हर क्षेत्र में किया जा रहा है। इंटरनेट के विकास और इसके संबंधित लाभों के साथ साइबर अपराधों की अवधारणा भी विकसित हुई है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधों के मामलों में भारत भी उन देशों से पीछे नहीं है, जहां साइबर अपराधों की घटनाओं की दर भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
सॉफ्टवेयर चोरी भी साइबर अपराध का एक रूप सेमिनार के मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त डॉ राजेश शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि पांच अलग-अलग कॉलेजों में लगभग 1000 से अधिक विद्यार्थियों को साइबर अपराध की बारीकियां बताते हुए जागरूक किया गया है यह अपने आप में बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है यदि खुद जागरूक रहेंगे तो साइबर अपराध से बचने में आसानी रहेगी। साफ्टवेयर चोरी भी साइबर अपराध की श्रेणी में आता है, उससे बचने का प्रयास होना चाहिए।
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