प्रभु भक्ति का मार्ग ही प्रेम है-रामप्रिय दास महाराज
जोधपुर, रातानाडा स्थित पीपलेश्वर महादेव मंदिर गौशाला में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में शनिवार को तीसरे दिन की कथा में ध्रुव चरित्र के माध्यम से धर्म,अर्थ, काम, मोक्ष का वर्णन किया।
मंदिर प्रवक्ता पंकज जांगिड़ ने बताया कि यह आयोजन मंदिर सत्संग समिति की वरिष्ठ सदस्य और ब्रह्मलीन महंत शिवचेतनगिरी की शिष्या शशीलता शर्मा और उनके परिवारजनों की ओर से स्व. होतीलाल शर्मा, गोमती देवी शर्मा, निहालचंद शर्मा तथा समस्त पितरों और जन कल्याणार्थ किया जा रहा है।
आयोजक शशीलता शर्मा ने बताया कि 18 मार्च से दोपहर 12 से शाम 5 बजे तक आयोजित कथा में कथावाचक संत रामप्रिय दास शास्त्री ने तीसरे दिन की कथा में ध्रुव चरित्र के माध्यम से धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष का वर्णन किया।
ध्रुव चरित्र के माध्यम से कहा कि व्यक्ति को सिद्धांतों पर चलते हुए धर्म का त्याग नहीं करना चाहिए। ऋषभदेव तथा जड़भरत के प्रसंग के माध्यम से परमहंसों का कर्तव्य बताया और कहा कि हमारा धर्म अहिंसा को प्रतिपादित करता है।
कथा के दौरान भजन गायक दिलीप गवैया ने भजनों की प्रस्तुति दी। सोमवार को नंदोत्सव और तत्पश्चात दोपहर 2.30 बजे से फागोत्सव मनाया जाएगा। कथा के दौरान कोरोना के प्रति जागरूकता के स्टीकर्स लगाकर कोरोना गाइडलाइंन की पालना की अपील की गई।