सनातन संस्कृति को भारत के संत और मीडिया बचा सकते हैं
स्वामी वीरेंद्रानंद
पार्थसारथि थपलियाल को सेवाव्रती सम्मान
नई दिल्ली,पंच दशनाम अखाड़े के महामंडलेश्वर श्रीश्री 1008 स्वामी वीरेंद्रानंद ने कहा कि भारत तब भी श्रेष्ठ था जब आधुनिक विकसित देशों का कुछ अता पता नही था,आज भी महान है क्योंकि भारत के ज्ञान और संस्कृति का दुनियां में आज भी डंका बज रहा है और भविष्य में भी महान रहेगा,क्योंकि सनातन संस्कृति की जड़ें मजबूत हैं। स्वामी वीरेंद्रनंद हिंदी भवन दिल्ली में 20 मई को एंजिल वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में विचार व्यक्त कर रहे थे। आज़ादी का अमृत काल को लक्षित संगोष्ठी का विषय था “एक भारत श्रेष्ठ भारत-हमारी विरासत”।
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गोष्ठी में भाग लेने वाले प्रमुख चिंतक और विचारक थी सामाजिक कार्यकर्ता एवं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता संध्या बजाज,मुख्य वक्ता थे भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त डॉ.कमल टावरी,लक्ष्मी नगर विधान सभा क्ष्रेत्र के विधायक अभय कुमार वर्मा,भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक साकेत,डॉ. विजय जॉली। आरंभ में एंजिल वेलफेयर ट्रस्ट की ट्रस्टी डॉ.मधु के श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया।
एक भारत श्रेष्ठ भारत-हमारी विरासत विषय की भूमिका संगोष्ठी संचालक पार्थसारथि थपलियाल ने रखी। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि हम सबका प्रयास होना चाहिए कि 2047 में जब हमारी स्वाधीनता के सौ वर्ष पूरे हों, उससे पहले भारत को हर क्ष्रेत्र में अपनी श्रेष्ठता स्थापित करनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने 5 प्रण भी बताए थे। ये 5 प्रण हैं-विकसित भारत, गुलामी से मुक्ति,विरासत का पर्व, एकता,एकजुटता और नागरिकों के कर्तव्य।
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लक्ष्मी नगर क्षेत्र के विधायक अभय कुमार वर्मा ने अपने ओजपूर्ण वक्तव्य में कहा कि आज़ादी के बाद का भारत हमने देखा है, हम आज का भारत भी देख रहे हैं। आज भारत दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। पूरी दुनिया भारत का लोहा मानने लगी है। सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने वाली सुप्रसिद्ध अधिवक्ता संध्या बजाज जो हरियाणा में नारी सशक्तिकरण में अग्रणीय भूमिका निभाती हैं,उन्होंने मीडिया में महिलाओं की छवि को लॉकर सपनी बात कही। भारतीय नारी का मीडिया में गलत चित्रण करने वाले कुछ ओछी मानसिकता के लोग स्वार्थवश जो कुछ भी कर रहे हैं उस क्षेत्र में आवाज़ बुलंद करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा भारतीय संस्कृति को बचाने और उसे संरक्षित करने में भारतीय मीडिया और महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
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मुख्य वक्ता डॉ.कमल टावरी ने अपने ओजपूर्ण संबोधन में भारत की राजनीति के बौने लोगों की चर्चा की। भारत के लोगों को नैतिक जीवन का राह दिखाने वाले लोग ख्याति और प्राप्ति में व्यस्त हैं,उन्होंने सांस्कृतिक पतन का मार्ग अपना लिया है। भारत को सांस्कृतिक रूप से मजबूत करने के लिए भारत के श्रेष्ठ ज्ञान को घर-घर पहुंचाने की आवश्यकता है। प्रमुख अतिथि भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता डॉ. विजय जॉली ने अपनी बात अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने की प्रगति से शुरू की उन्होंने कहा अप्रैल माह में जब जी-20 देशों के प्रतिनिधियों के साथ मुझे अयोध्या जाने का अवसर मिला तो मन बहुत प्रसन्न इसलिए भी हुआ क्योंकि उस अवसर पर जो जलाभिषेक किया गया उसमें 155 देशों की विभिन्न नदियों के जल संग्रह के लिए किए गए प्रयास से जलाभिषेक से सम्पन्न हुआ। उन्होंने बताया कि एक दौर वह था जब भारत के वीजा को कोई मान नही मिलता था। आज अनेक देश ऐसे हैं जहां जाने के लिए वीजा ऑन अराइवल की सुविधा है।
स्वामी चंद्रदेव जो समाज मे चेतना की जोत जलाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं,उन्होंने विकृत होती जा रही भारतीय संस्कति की ओर ध्यान आकर्षित किया। श्रीश्री 1008 पीठाधीश्वर स्वामी वीरेंद्रानन्द ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गेरुवे वस्त्र का बड़ा महत्व है। यह त्याग का प्रतीक भी है और ज्ञान का प्रतीक भी। स्वामी विवेकानंद ने शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में इन्ही वस्त्रों में विश्व को भारत के वैश्विक दर्शन से अचंभित कर दिया था। आज जब हमारी संस्कृति पर विभिन्न मार्गों से प्रहार किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं, ऐसे समय में प्रत्येक भारतवासी का यह कर्तव्य बन जाता है कि वह इस मर्म को समझे। मैं उत्तर में चट्टान की तरह खड़ा हूँ मेरा संकल्प है मैं उत्तर में नेपाल से या चीन से किसी दुश्मन को घुसने नही दूंगा। भारत राष्ट्र को उसका वैभव बनाए रखने के लिए तीन लोग बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन तीन में भारतीय संस्कृति के प्रेरक संत/सन्यासी, महिलाएं और मीडिया शामिल है।
पार्थसारथि थपलियाल को सेवाव्रती सम्मान
इस समारोह में समाज मे बिना किसी स्वार्थ और प्रचार प्रसार के अपने कार्य में संलग्न कुछ लोगों को सेवाव्रती सम्मान से सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में भारतीय संस्कृति के संपोषक पार्थसारथि थपलियाल, नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ नीरू पी अग्रवाल, और रितेश कृष्ण पत्रकार भी शामिल थे। पार्थसारथि थपलियाल को भारतीय संस्कृति संवर्धन और संरक्षण के लिए उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। गाजियाबाद में सुप्रसिद्ध निजी हॉस्पिटल की निदेशक व नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ नीरू अग्रवाल को किडनी के मरीजों के उत्तम इलाज के लिए सम्मानित किया गया। इसी प्रकार वरिष्ठ पत्रकार रितेश कृष्ण को उनकी निष्पक्ष व निर्भीक पत्रकारिता के लिए सम्मानित किया गया।
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