महान योद्धा राव जयमल राठौड़ की स्मृति में डाक टिकट जारी

चित्तौड़गढ़, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राव जयमल राठौड़ का भारत के गरिमामय इतिहास में पूज्य स्थान है। शौर्य और बलिदान उनकी महानता का परिचायक है। शुक्रवार को महान योद्धा राव जयमल राठौड़ की स्मृति में डाक टिकट विमोचन समारोह में शेखावत ने कहा कि जर्मन विद्वान काउंटनोआर ने राव जयमल राठौड़ को चित्तौड़ का शेर कह कर संबोधित किया। आज हमारे लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि मेवाड़ के इतिहास के ऐसे वीर पुरोधा पर डाक टिकट जारी किया जा रहा है। पिछले 500 साल से अधिक समय से राव हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं।

समारोह में तेजपुर (असम) से ऑनलाइन भागीदारी करते हुए शेखावत ने कहा कि मेड़तिया राठौडों ने शौर्य और बलिदान के कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इनमें राव का नाम सर्वाधिक प्रसिद्ध है। राव ने अकबर की शक्तिशाली सेना से एक साल से अधिक समय तक मोर्चा लिया था और चित्तौड़ दुर्ग की रक्षा की थी। मुगल सेना के इतने सैनिकों और सुरंग खोदने वाले मजदूरों को मारा था कि लाशों के अंबार लग गए थे। तब अकबर ने किले के नीचे सुरंगें खोदकर मिट्टी निकालने वाले मजदूरों को एक-एक मिट्टी की टोकरी के बदले एक-एक स्वर्ण मुद्रा दी थी, ताकि कार्य चालू रहे।

शेखावत ने कहा कि राव जयमल राठौड़ की वीरता ने अकबर के हृदय पर ऐसी अमिट छाप छोड़ी थी कि उसने उनकी हाथी पर सवार पत्थर की विशाल मूर्ति बनवाई थी। राव एक कुशल शासक भी थे। मेड़ता के अलावा उनके पास मेवाड़ में बदनोर की जागीर भी रही। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह अवसर मुझे गर्व से पूरित कर गया। आज की पीढ़ी को राव जयमल राठौड़ से व्यक्तित्व से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।

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