सरकार में उचित प्रतिनिधित्व नहीं देने पर राजपूत समाज ने दी लोकसभा चुनाव मेंं सबक की चेतावनी
जोधपुर,सरकार में उचित प्रतिनिधित्व नहीं देने पर राजपूत समाज ने दी लोकसभा चुनाव मेंं सबक की चेतावनी।विधानसभा चुनाव से पहले टिकटों के बंटवारे में और बाद में जीते हुए भाजपा विधायकों को सरकार गठन के बाद मंत्रीमंडल में तीन राजपूत विधायकों को ही सिर्फ मंत्री बनाने को लेकर राजपूत समाज में आक्रोश है। राजपूत समाज के नेताओं ने कहा कि राजपूत समाज भाजपा का कोर वोट बैंक है लेकिन भाजपा के वर्तमान बड़े नेता उसको सिर्फ बंधुआ मजदूर समझते हैं जो उनकी गलत सोच है और उसके नकारात्मक परिणाम आगामी लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है।
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जोधपुर में मारवाड़ राजपूत समाज की ओर से बीजेपी के खिलाफ रोष जताया गया।समाज के पदाधिकारियों ने इसको लेकर मारवाड़ राजपूत समाज भवन में बैठक की। जिसमें समाज के पदाधिकारियों ने आगामी लोकसभा चुनावों में इसके परिणाम भुगतने की चेतावनी भी बीजेपी को दी। कहा पिछली बार समाज के लोगों ने वोट नहीं दिए तो राजस्थान में बीजेपी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। इस बार लोकसभा चुनाव में भी समाज की मांग पूरी नहीं की गई तो इसके परिणाम भुगतने के लिए बीजेपी को तैयार रहना होगा।मारवाड़ राजपूत समाज के अध्यक्ष हनुमानसिंह खांगटा ने बताया राजपूत समाज का 90 प्रतिशत वोट बीजेपी को जाता है। इसका फल बीजेपी ने मंत्रिमंडल विस्तार करके दिया है। जिसमें समाज की घोर उपेक्षा की गई। समाज के केवल तीन विधायकों को ही मंत्री बनाया गया,जबकि 26 उम्मीदवारों को पार्टी ने टिकट दिए थे, जिसमें से 16 विधायक जीतकर आए। बीजेपी समाज को बंधुआ मजदूर समझ रही है तो ये गलतफहमी निकाल दें। बीजेपी का यही रवैया रहा तो समाज को बैठकर आगे की रणनीति बनाने को मजबूर होना पड़ेगा।
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समाज के महासचिव केवी सिंह चांदरख ने बताया राजपूत समाज बीजेपी का मूल वोटर है। समाज का 90 प्रतिशत वोट बीजेपी को जाता है। इसके बावजूद समाज की उपेक्षा की गई। जबकि इस बार के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर समाज के 26 में 18 विधायक बीजेपी से जीतकर आए हैं। दो निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी को समर्थन दिया है। इसके बाद भी महज तीन विधायकों को मंत्री बनाया गया है। पिछली बार बीजेपी की सरकार बनी तब समाज के 5 विधायकों को मंत्री बनाया गया।
समाज के पदाधिकारियों ने बताया पहले समाज के उम्मीदवारों को 45 से 50 टिकट दिए जाते थे। जो धीरेधीरे कम करते हुए बीजेपी 26 तक ले आई है। इसमें भी बीजेपी की जीत से ज्यादा प्रतिशत समाज के विधायकों का है। बीजेपी को समाज आंख मूंदकर वोट देता है। यदि इसी वजह से समाज की उपेक्षा की जा रही है तो समाज अब किसी अन्य दल के साथ जाने को भी स्वतंत्र रहेगा।
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