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बारिश ने नमक उद्योग पर डाला असर,तालाबों में पानी की आवक जारी

परेशानी बढ़ी

जोधपुर,जिले में गत तीन दिन तक हुई भारी बारिश से फलोदी-बाप क्षेत्र का नमक उद्योग तबाही के कगार पर पहुंच गया है। भारी बारिश का यह आलम है कि बाप क्षेत्र में तीन दिन से बारिश की एक बूंद नही गिरी, लेकिन नमक उत्पादन क्षेत्र बाप रिण, गुड्डी रिण व मलार रिण में बरसाती पानी की आवक जारी है।भारी पानी आने से गुड्डी व मलार रिण का इलाका जलमग्न हो गया है। जिस वजह से वहां का नमक उद्योग को भारी नुकसान पहुंचा है।

कुएं और क्यारियां ध्वस्त

पानी में डूबे सैकड़ों कुएं ध्वस्त हो रहे है। क्यारियां क्षतिग्रस्त हो रही हैं। ऐसे में यहां 4 से 6 माह तक नमक का उत्पादन बंद ही रहेगा। नमक उत्पादकों ने यहां बरसात के कारण करोड़ों रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया है। बाप रिण क्षेत्र में जगह जगह बरसाती पानी जमा है। जीएसएस के निकट रिण इलाका उथले समुद्र की भांति दिख रहा है। पानी की वजह से उत्पादक अपनी क्यारियों व कुओं तक नहीं जा पा रहा। सडक़ के नजदीक जिनके कुएं व क्यारियां है वे पानी निकासी के जतन कर रहे हैं।

सड़क तोड़कर निकाला जा रहा पानी

विदित रहे कि गुड्डी रिण में भरे पानी को ननेऊ जाने वाली सडक़ तोड़ कर निकाला जा रहा है। यहां से पानी बाप रिण की तरफ जाएगा। रिण में अभी भी भारी तादाद में पानी आ रहा है। सब कुछ डूब गया है। जलस्तर बढऩे पर इस सडक़ को तोडऩा पड़ा है। इसके अलावा पांच अन्य जगहों पर अन्य सडक़ें भी तोड़ी गई, ताकि पानी की निकासी हो सके।

कई लोग बेरोजगार, मला ढुलाई मजदूर संकट में

नमक उत्पादन ठप होने से कई लोग बेरोजगार हो गए हैं। इसकी ज्यादा मार क्यारियों में काम करने वाले श्रमिकों,उत्पादन से जुड़े व माल ढुलाई के श्रमिकों पर पड़ी है। नमक उत्पादन संगठन फलोदी के मधु जोशी ने बताया कि इस क्षेत्र में 400 इकाइयों में सालाना 2 से ढाई लाख टन नमक का उत्पादन होता है। पानी की वजह से बड़ी तादाद में कुए ढहने के कगार पर हैं। नुकसान का सही आंकलन पानी उतरने के बाद पता चलेगा।

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