एमडीएमएच में नवजात के हृदय का पीडीए स्टेंटिंग व बैलून से जीवनदान

राजस्थान में सरकारी अस्पताल में पहली बार हुआ

जोधपुर,एमडीएमएच में नवजात के हृदय का पीडीए स्टेंटिंग व बैलून से जीवनदान। शहर के मथुरादास माथुर अस्पताल के पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी डिवीजन की नव स्थापित कैथ लैब में जटिल बीमारी ट्राइकस्पिड एट्रेसिया/पल्मोनरी एट्रेशिया एवं Duct dependent circulation में इंटरवेंशन प्रोसीजर पीडीए स्टेंटिंग द्वारा दिया जीवन दान।
कॉलेज के प्रिंसिपल एवं कंट्रोलर डॉ दिलीप कच्छवाहा,अस्पताल के अधीक्षक डॉ विकास राजपुरोहित ने पीडियाट्रिक के विभागाध्यक्ष डॉ मनीष पारख एवं पूरी पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी टीम(डॉ जेपी सोनी, डॉ संदीप चौधरी,डॉ विकास आर्य) को बधाई दी। कॉलेज प्रवक्ता डॉ जयराम रावतानी बताया कि यह ऑपरेशन मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत निःशुल्क किया गया।

पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी डिवीजन के डॉक्टर विकास आर्य ने बताया कि एक 23 दिन का बच्चा ट्राइकस्पिड एट्रेशिया पल्मोनरी एट्रेजिया(बंद) से पीड़ित था,यह बीमारी सिंगल वेंट्रिकल हार्ट डिजीज में सबसे प्राय: बीमारी है। बाल हृदय रोगों में यह बीमारी करीब करीब हर 10000 बच्चों में दूसरे बच्चे को होती है और उसमे भी टाइप 3 बहुत कम मिलती है। इस बीमारी में जन्म के बाद बच्चे को नीले पड़ने की शिकायत होती है क्योंकि दाएं हृदय का वाल्व बनता ही नहीं अतएव दाया हृदय छोटा बनता है और नीचे vsd नही बने तो पल्मोनरी एट्रेजिया(बंद) भी होता है तथा duct dependent circulation था। साथ ही अगर एट्रियल सेप्टल में छेद छोटा हो तो बच्चे का ऑक्सीजन लेवल काफी कम होता है एवं बच्चा ऑक्सीजन की कमी से मल्टी ऑर्गन फैलियर में चला जाता है। एमडीएमएच जोधपुर में एक 23 दिन का नवजात शिशु इस बीमारी से ग्रसित था एवं उसका ऑक्सीजन लेवल 50 से 55 परसेंट था जिसके लिए एमडीएम अस्पताल में पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी टीम से संपर्क किया गया एवं बच्चे को एनआईसीयू में भर्ती करके एमडीएम कैथ लैब में BAS + PDA stenting procedure द्वारा को एट्रियल सेप्टम को चौड़ा किया गया और स्टेंट डाल कर ऑक्सीजन लेवल ठीक किया गया। प्रोसीजर के बाद बच्चे का ऑक्सीजन लेवल 85 से 90परसेंट हो गया।

पेडियाट्रिक कार्डियोलॉजी टीम से डॉ जेपी सोनी आचार्य,सहआचार्य डॉ संदीप चौधरी,डॉ विकास आर्य सहायक आचार्य ने ऑपरेशन किया। ऑपरेशन में बाल एवं शिशु रोग विभाग से डॉ मानसी मदान,निश्चेतना विभाग के आचार्य डॉक्टर राकेश कर्णावत,सह आचार्य डॉ शिखा सोनी, सहायक आचार्य डॉ गायत्री तंवर, डॉ श्रव्या,सीनियर स्टाफ दिनेश गोस्वामी, राजेंद्र भट्ट,आसिफ खान,तेज प्रकाश सोनी,मोनिका भाटी,कैथ लैब टेक्नीशियन धर्मेंद्र मरेठा,जितेंद्र का इलाज में अहम सहयोग रहा।
ऑपरेशन के बाद बच्चे को वापस NICU मे भिजवा दिया गया जहा उसका ऑक्सीजन लेवल 85 से 90% है,अब बच्चा पहले से बेहतर है।

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पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी से डॉक्टर जेपी सोनी ने बताया कि पिछले 6 महीने से नियमित रूप से मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के अंतर्गत कई बाल हृदय रोगों के ऑपरेशन निःशुल्क हुए हैं।

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