पुलिस ने कार को सूंघकर ढूंडा अफीम का दूध
जोधपुर, तस्कर पुलिस को देख कर कार को घुमाकर भागने लगे, संकरी जगह पर जाकर कार फंस गई और रूक गई। इतने में पुलिस पीछा करते पहुंची और कार को सूंघा। तब पता लगा कि इसमें अफीम लादी गई है। कार के पुर्जे तक खोल दिए, कार की बैक, साइड, दायीं लाइट को खोला तो उसमें सवा किलो अफीम का दूध मिला। कार की डिक्की से पौने पांच लाख रूपए मिले। दो तस्करों को पकड़ा गया। पूछताछ में पता लगा कि आधा किलो अफीम एक स्थानीय व्यक्ति को बेची गई। तब उसे भी पकड़ा गया। पुलिस ने कुल डेढ़ किलो अफीम का दूध बरामद कर प्रतापगढ़ के दो तस्करों सहित एक स्थानीय खरीददार को गिरफ्तार किया है। अब इनसे गहन पूछताछ की जा रही है। पुलिस आयुक्त जोस मोहन के दिशा निर्देश पर मादक पदार्थों एवं अवैध हथियारों की धरपकड़ के लिए नाकाबंदी कमिश्ररेट में करवाई जा रही है। गणतंत्र दिवस को देखते हुए सख्त नाकाबंदी के निर्देश दिए गए है। रात को लूणी थानाधिकारी सीताराम के नेतृत्व में नाकाबंदी चल रही थी। तब एक अल्टो कार को रोहिचाकलां गांव की तरफ से आते देखा गया। इस पर पुलिस की गाड़ी को देख कर दो लोग कार को पीछे कर भागने लगे। पुलिस को संदेह होने पर कार का पीछा किया गया। तब कार चालक को एक सड़क़ पर संकरी जगह से गाड़ी को घुमाने में दिक्कत हुई। यह कार फंसने के साथ रूक गई। इतने में लूणी थानाधिकारी मयजाब्ते के साथ कार के पास पहुंच तलाशी ली। कार की डिक्की से पौने पांच लाख रूपए पॉलिथिन थैली में बंधे मिले। रूपयों के बारे में पूछने पर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर पुलिस ने कार को सूंघा। तब संदेह हुआ कि मादक पदार्थ लाया गया है। इस पर पुलिस ने गाड़ी की फाटक से लेकर बैक लाइट तक खोल डाली। पीछे की दाहिनी लाइट में 1 किलो 20 ग्राम अफीम का दूध मिला।
लूणी थानाधिकारी सीताराम ने बताया कि तब तस्कर कार में सवार प्रतापगढ़ जिले के रटाजना थानान्तर्गत बाजनी निवासी पुष्करदास पुत्र जगदीशदास वैरागी और उसके साथ बरखेड़ा निवासी प्रकाश पुत्र चैनाराम कुमावत को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में सामने आया कि ये रूपए उन्होंने अफीम बेच कर लाए है। तब स्थानीय खरीददार समराथल नगर रोहिचाकलां में रामप्रताप पुत्र सुखेदव विश्नोई के यहां पर दबिश देकर उसके कब्ज से भी साढ़े चार सौ ग्राम अफीम का दूध जब्त किया गया। कार्यवाही में पुलिस की टीम
पुलिस की टीम में थानाधिकारी सीताराम के अलावा हैडकांस्टेबल मोहनलाल, कांस्टेबल पप्पूराम, सुरेश, रामकिशोर, गजेंद्र, नरपतराम, महेंद्र एवं रामनिवास शामिल थे।