राज्य सरकार सहित अराजपत्रित को नोटिस तलब

जोधपुर, राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार सहित निदेशक अराजपत्रित चिकित्सा विभाग जयपुर को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है। जस्टिस पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की एकल पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार सहित निदेशक (अराजपत्रित) चिकित्सा विभाग जयपुर को याची को भर्ती प्रक्रिया में वरियता अनुसार नियुक्ति के लिए प्रोविजनल शामिल करने का अंतरिम आदेश दिया। प्रयोगशाला सहायक पद पर निकली भर्तियों में योग्यता के बावजूद नियुक्ति नहीं देने लैब क्लीनर मानकर अयोग्य घोषित करने पर नागौर के खींवसर की रामप्यारी ने याचिका दायर की थी।

याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने बताया कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए लैब सहायक पद पर 1 मई 2015 को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पांचला सिद्धा (नागौर) में हुई थी। तब से लगातार अपनी सेवा दे रही है। इसी दरम्यान प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा आर्थिक शोषण करने पर सभी सविंदा कार्मिको को राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी के जरिए नियुक्ति दे दी गई थी। राज्य सरकार के चिकित्सा विभाग द्वारा प्रयोगशाला सहायक के सभी मानकों पर याची के दस्तावेज पूरे है। इस पद पर अन्य पिछड़ा वर्ग (महिला) को सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति के योग्य माना गया फिर भी याची का नाम लिस्ट में नहीं था। याची की ओर से अधिवक्ता ने बताया कि याचिकाकर्ता अन्य पिछड़ा वर्ग (महिला) में योग्य होने के बावजूद मेरिट अनुसार नियुक्ति से इंकार नहीं किया जा सकता है।

2 फरवरी तक जवाब तलब

रिकॉर्ड का परिशीलन करने के पश्चात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित निदेशक अराजपत्रित चिकित्सा विभाग जयपुर को नोटिस जारी करते हुए 2 फरवरी तक जवाब तलब किया है। साथ ही राज्य सरकार सहित निदेशक (अराजपत्रित) चिकित्सा विभाग जयपुर को याची को भर्ती प्रक्रिया में वरियता अनुसार नियुक्ति हेतु प्रोविजनल शामिल करने का अंतरिम आदेश दिया और लैब क्लीनर मानकर अयोग्य घोषित नही करने का अंतरिम आदेश दिया। प्रोविजनल कंसीडरेशन रिट याचिका के निर्णायाधीन होने का भी आदेश दिया है।

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