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  • शाम 5 बजे किया जाएगा सुपुर्द ए खाक
  • ट्रेजडी किंग के नाम से थे मशहूर
  • सुबह साढ़े सात बजे मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में ली अंतिम सांस

मुंबई, फ़िल्म जगत के प्रख्यात अभिनेता,ट्रेजडी किंग के नाम से चर्चित दिलीप कुमार (यूसुफ खान) का आज सुबह मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रख्यात फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार ने बुधवार प्रातः 7:30 बजे मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में अंतिम सांस ली। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार उन्हें शाम 5 बजे सुपुर्दे खाक किया जाएगा।

अभिनेता दिलीप कुमार निधन

बॉलीवुड में ट्रेजेडी किंग के नाम से मशहूर दिलीप कुमार लंबे समय से बीमार थे। वे 8 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। उनके पारिवारिक मित्र फैजल फारूकी ने अभिनेता के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, भारी मन और बेहद दु:ख के साथ, मैं यह घोषणा कर रहा हूं कि कुछ मिनट पहले हमारे प्यारे दिलीप साहब का निधन हो गया। हम अल्लाहके बंदे हैं और हमें उनके पास ही लौटकर जाना होता है।

पीएम मोदी ने किया शोक प्रकट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिलीप कुमार के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मोदी ने दिलीप कुमार के निधन को देश की सांस्कृतिक क्षति बताया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई बड़े नेताओं ने दिलीप कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया।

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बाइलेटरल प्ल्यूरल इफ्यूजन बीमारी से जूझ रहे थे

अभिनेता दिलीप कुमार बाइलेटरल प्ल्यूरल इफ्यूजन नामक बीमारी से लड़ रहे थे। इस बीमारी में सांस लेने में काफी परेशानी होती है। प्ल्यूरल इफ्यूजन एक ऐसी बीमारी है जिसमें फेफड़ों के बाहर अत्यधिक मात्रा में तरल पदार्थ इकट्ठा हो जाता है।

दिलीप कुमार को पिछले महीने दो बार अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। 5 जुलाई को ही उनके ट्यूटर पर उनका स्वास्थ्य अपडेट दिया गया था।उनकी पत्नी सायरबानो ने कहा था कि उनकी तबीयत में सुधार हो रहा है। दो दिन बाद ही दिलीप कुमार ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

राज्यसभा सदस्य रहे दिलीप कुमार

11 दिसंबर,1922 को ब्रिटिश इंडिया के पेशावर (अब पाकिस्तान)में जन्मे दिलीप कुमार का वास्तविक नाम यूसुफ खान था। यूसुफ ने अपनी पढ़ाई नासिक में कई थी। बचपन मे ही राजकपूर उनके दोस्त बन गए थे। वही से दिलीप कुमार का फिल्मी सफर शुरू हो गया था। 22 वर्ष की उम्र में ही उन्हें पहली फ़िल्म मिल गई।

1944 में फ़िल्म ज्वारभाटा में काम किया। वे राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं। उन्हें उनके दौर का बेहतरीन अभिनेता माना जाता था। उन्हें 1994 में भारतीय फिल्मों का सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

1996 में उन्हें को पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए- इम्तियाज़ से भी सम्मानित किया गया था। उन्हें आठ बार फिल्मफेयर अवाॅर्ड मिल चुका है। 1991 में उन्हें पद्म भूषण और 2015 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया। 2000-2006 तक वह राज्यसभा सांसद रहे।

यादगार फिल्मों में जिंदा रहेंगे

मुगल ए आजम, देवदास,शक्ति, राम और श्याम, लीडर, कोहिनूर, आजाद और नया दौर जैसी बेहतरीन फिल्मों से वे सभी के दिलों में सदैव जिंदा रहेंगे। इन फिल्मों के लिए उन्हें फिल्म फेयर का बेस्ट एक्टर अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।

दिलीप कुमार को आठ बार फिल्मफेयर अवाॅर्ड मिल चुका है। 1991 में उन्हें पद्म भूषण और 2015 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया। 1994 में दिलीप कुमार को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया। 2000-2006 तक वह राज्यसभा सांसद रहे। 1998 में पाकिस्तान ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज से सम्मानित किया था।

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