जोधपुर,शहर के हाल मुंबई निवासी शांतिलाल जैन चार्टर्ड एकाउंटेंट का आज प्रातः 8:30 बजे मेडिपल्स अस्पताल में निधन के पश्चात उनकी धर्मपत्नी रीटा जैन व उनके भाई सोहन लाल जैन ने देहदान काउंसलर मनोज मेहता से संपर्क कर देहदान की संपूर्ण प्रक्रिया को समझा तथा दोपहर 12:45 बजे शांतिलाल जैन का पार्थिव देह मेडिकल छात्रों के अध्ययन व अनुसंधान के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को समर्पित किया।

उनके भतीजे एनके जैन अध्यक्ष जोधपुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने बताया कि शांतिलाल जैन ने अपने जीवन काल में देहदान की इच्छा व्यक्त कर दी थी हालांकि उन्होंने देहदान का फॉर्म नहीं भरा था परंतु उनका मत था यह शरीर मरने के बाद भी छात्रों के अध्ययन व शोध हेतु काम आता है तो इसे जलाने के स्थान पर दान करना ही सर्वथा उपयुक्त है। अपनी इस अभिव्यक्ति को उन्होंने पहले से ही रिकार्ड कर परिवार के सदस्य पदम जैन को वाट्स.एप द्वारा भेज दी थी।

जैन का जैन धर्म में अटूट विश्वास था एवं वे उसका पूरा पालन तन मन से करते थे। वे धार्मिक कार्या के साथ.साथ समाज सेवा के क्षेत्र में भी निरन्तर कार्यरत रहे थे। वे रोटरी क्लब ऑफ मुम्बई के अतिरिक्त विभिन्न सामाजिक, शैक्षणिक, औद्योगिक संगठनों एवं न्यासों से सक्रिय रूप से जुडे़ हुए थे।
एम्स के शरीर रचना विभाग के अतिरिक्त आचार्य डॉक्टर आशीष नैयर ने देहदान प्रमाण पत्र जारी करते हुए बताया कि इस वर्ष का दसवां तथा अब तक का 137 वां देहदान है। उन्होंने इस पुनीत कार्य के लिए जैन परिवार का आभार व्यक्त किया देहदान के समय परिजनों के अलावा शहर के कई गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।

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