जोधपुर,काजरी व आईसीआईसीआई सतत आजीविका सोसायटी के बीच एक एमओयू हुआ है। इस एमओयू पर काजरी के निदेशक डॉ.ओपी यादव एवं आईसीआईसीआई सतत आजीविका सोसायटी के अध्यक्ष अनुज अग्रवाल ने हस्ताक्षर किए। यह समझौता जुलाई 2019 में हुए एमओयू को बढाते हुए आगामी 3 साल के लिए किया गया।

एमओयू का उद्देश्य शुष्क क्षेत्र के ग्रामीण युवाओं, महिलाओं, किसानों की कौशलता बढ़ाना तथा प्रशिक्षण प्रदान कर उनके ज्ञान में वृद्धि करना है ताकि उनको वर्ष भर सतत आय प्राप्त होती रहे।

काजरी निदेशक डॉ. ओपी यादव ने कहा कि जलवायु परिर्वतन हो रहा है। ऐसे में कृषि की नवीनतम तकनीकियाँ बहुत महत्वपूर्ण हैं। संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा फसलों, बागवानी, पशु प्रबन्धन, मूल्य संवर्द्धन नर्सरी प्रबन्धन, संरक्षित कृषि, डेयरी व्यवसाय आदि के बारे में किसानों को प्रशिक्षण प्रदान कर उनकी कौशलता बढायेगी।

कृषि की नवीन प्रौघौगिकियों और हस्तक्षेप से किसानों की आजीविका में सुधार होगा। गांवों में हरियाली एवं समृद्धि बढ़ेगी। डॉ. यादव ने कहा आईसीआईसीआई के पास साक्षरता और कौशल आधारित ग्रामीण विकास गतिविधियों में काम करने का लम्बा अनुभव है उन्होंने आरसेटी द्वारा किये जा रहे कार्यो की सराहना की।

विभागाध्यक्ष डॉ. एनवी पाटिल एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एके पटेल ने कहा कि पशुपालन एवं डेयरी व्यवसाय में लाभ की अपार संभावनाएं हैं। प्रशिक्षण के पश्चात मार्केट के साथ जोड़ा जायेगा ताकि उन्हें फायदा हो।

अध्यक्ष अनुज अग्रवाल ने बताया कि पिछले एमओयू के परिणाम सकारात्मक रहे। हम ग्रामीण युवाओं और किसानों के लाभ के लिए बेहतर लक्ष्यों और उपलब्धियों के लिए काम कर रहे हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्र व सीमांत क्षेत्र के लोगो के लिए स्थाई रोजगार के अवसर पैदा होगें। उन्होने कहा कि पिछले 14 वर्षो से आईसीआईसीआई फाउंडेशन, जोधपुर आरसेटी के माध्यम से जोधपुर जिले में कार्यरत है, इस दौरान किये गये कार्यो में जल संरक्षण, अजोला घास, डेयरी फार्म डवलपमेंट, बकरी पालन व कृषि के क्षेत्र में किए गये कार्य उल्लेखनीय हैं।

आने वाले समय में काजरी व आईसीआईसीआई इस क्षेत्र में अपने कार्यो को और आगे बढायेंगें। आरसेटी जोधपुर के निदेशक सुरेन्द्र सिंह शेखावत एवं प्रोग्राम मैनेजर पारितोष त्रिपाठी ने कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को गति मिलेगी तथा स्थानीय अवसर पर रोजगार उपलब्ध होगा।