पाली सांसद पीपी चौधरी के लोकसभा में पूछे गए प्रश्नों का आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने दिया जवाब

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री पथ विक्रेता आत्मनिर्भर निधि यानि पीएम स्वनिधि योजना कोरोना काल के बाद फुटकर दुकानदारों के लिए वरदान बनकर उभरी है। योजना के तहत लॉकडाउन के दौरान प्रभावित हुए फुटपाथ दुकानदारों को फिर से अपना व्यवसाय करने के लिए दस हजार रूपये का ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत बीते जनवरी माह तक 13.8 लाख से अधिक ऋणी का संवितरण किया जा चुका है और 18.4 लाख से अधिक ऋण स्वीकृत हो चुके हैं। यह जानकारी पाली सासंद और पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री पीपी चौधरी द्वारा लोकसभा में पूछे गए सवाल पर आवासन और शहरी कार्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप पुरी ने पीएम-स्वनिधि योजना के अंतर्गत आंकड़े प्रस्तुत करते हुए दिया। पाली सांसद चौधरी ने सरकार के पथ विक्रता यानि स्ट्रीट वेंडर्स के कल्याण हेतु चलाई जा रही योजनाओं के संबंध में जानकारी मांगने पर मंत्रालय ने बताया कि शहरी और गरीब परिवारों की गरीबी और असुरक्षा को दूर करने के लिए 2014 से दीनदयाल अंत्योदय योजन-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन नाम से योजना केन्द्र द्वारा चलाई जा रही है। इस योजना का उद्देश्य शहरी पथ विक्रेताओं (स्ट्रीट वेंडर्स) की आजीविका संबंधी चिंताओं को दूर करना है। इसी के तहत कोरोना काल में आर्थिक रूप से संकटग्रस्त देशभर के फुटकर व्यापारियों को विशेष राहत देने के लिए 01 जून 2020 को यानि प्रधानमंत्री पथ विक्रेता आत्मनिर्भर निधि यानि पीएम-स्वनिधि योजना आंरभ की है। इसके तहत लगभग 50 लाख पथ विक्रेताओं को अपना व्यवसाय पुनः आरंभ करने के लिए 1 वर्ष की अविध तक 10 हजार का गैर जमानती कार्यशील पंजी ऋण दिया जा सके।
600 करोड़ में से 65.56 करोड़ राशि का उपयोग
चौधरी के पीएम-स्वनिधि योजना लाभान्वित पथ विक्रताओं की संख्या के सवाल पर मंत्रालय ने बताया कि इस योजना के लिए अनुमोदित परिव्यवय 600 करोड़ रूपए है, जिसमें से 65.56 करोड़ रूपए का उपयोग कर लिया गया है। राज्यों,संघ राज्यों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, दीनदयाल योजना के अंतर्गत 42 लाख से अधिक पथ विक्रेताओं की पहचान की गई है। इनमें से 21.7 लाख से अधिक पथ विक्रेताओं को विक्रय प्रमाणपत्र (सीओवी) जारी किए गए है। जबकि 24.4 लाख से अधिक पथ विक्रेताओं को पहचान पत्र जारी किए जा चुके हैं।
त्रि-स्तरीय मिशन प्रबंधन
पाली सांसद चौधरी द्वारा एक अन्य सवाल में इस योजना के लागू करने में विशेष रूप से राजस्थान का उल्लेख करते हुए राज्यों सरकारों या गैर-सरकारी संगठनों के साथ भागीदारी के बारे में पूछा। इस पर मंत्रालय ने जवाब दिया कि दीनदयाल अंत्योदया योजना राजस्थान सहित पूरे देश में त्रि-स्तरीय प्रबंधन निकायों के माध्यम से अर्थात राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय निकाय स्तर पर लागू किया जाता है। लद्यु विकास बैंक (सिडबी) केन्द्रीय क्षेत्र की योजना पीएम-स्वनिधि का कार्यान्वयन भागीदार है। स्थानीय निकाय और ऋण दाता संस्थाओं की पहचान करने और उन्हें ऋण संवितरित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।