शक्ति के मंचन से दिया महिला सशक्तिकरण का संदेश

13 वर्षों से केलवाद गांव में नवरात्रि पर नाटक मंचन से जन जागृति ला रही महिलाएं

पाली,शक्ति के मंचन से दिया महिला सशक्तिकरण का संदेश। भारत में नवरात्रि का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है। लोग माता रानी को खुश करने के लिए नौ दिनों का उपवास रखते हैं। भक्ति में सराबोर करने वाले इस त्योहार का लोगों को साल भर बेसब्री से इंतजार होता है। नवरात्रि कार्यक्रम पर पाली के केलवाद गांव में पर 13 वर्षों से महिलाओं द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। मगरा क्षेत्र की तलहटी पर बसे पाली जिले के केलवाद गांव की समाजसेवी महिला शारदा राव द्वारा गाँव की महिलाओं को संगठित कर ‘संस्कृति’ महिला मंडल के बैनर तले एकजुट हो पारंपरिक जीवन मूल्य,नैतिक आचरण,सामाजिक समरसता और सद्भाव के साथ ही जीवन शैली में वैज्ञानिकता के समावेश और समसामयिक विषयों पर व्याख्यान देने का कार्य कर रही हैं। महिलाओं द्वारा आयोजित होने वाला यह जिले का एकमात्र नवरात्रि महोत्सव है जिसका पूरा जिम्मा तथा आयोजन महिलाओं और बच्चों द्वारा किया जा रहा है।

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संचालिका शारदा ने बताया कि यह कार्यक्रम अपने आप में अनूठा इसलिए है क्योंकि मां अंबे की आरती के पश्चात केवल गरबा रास न होकर बालिका पुलकित सिंह के निर्देशन में ग्रामीण परिवेश के नन्हे-मुन्हे बच्चों द्वारा मौलिकता और मानवीय मूल्यों की जागृति के लिए लघु नाटिका का मंचन किया जाता है। इसी कड़ी में नाटिका ‘शक्ति’ के मंचन से महिलाओं के त्याग और ताक़त को प्रदर्शित कर समाज के सामने आईना खड़ा कर दिया। बच्चों ने बताया कि जीवन के कदम-कदम पर हर मोड़ पर नारी की खिल्ली उड़ाई जाती रही है। पुरुष प्रधान समाज द्वारा नारी को समकक्ष स्वीकार नहीं किया जाता है मगर जब बे-बुनियाद इल्जामों से और उपेक्षित प्रहारों से नारी को बार-बार प्रताड़ित किया जाता है तो वह बिना अहंकार के अपने आदर्श,सेवा,समन्वय, व्यवहार और कर्मों से प्रत्युत्तर देती है। जमाने के दिए अनगिनत दुःख सहकर हमेशा अपना फर्ज निभाती है नारी,दो दिलों को एक साथ जोड़कर घर को स्वर्ग बनाती है नारी।अपना घर, बाल- बच्चे संभाल कर अब दफ्तर भी संभालती है नारी। अपना खुद का वजूद भूल कर हर एक किरदार निभाती है नारी। राव ने बताया कि नाटकों के मंचन के माध्यम से जन जागृति लाने पर पिछले 13 वर्षों से कार्य किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में सम्पूर्ण नाट्य निर्देशन शारदा की पुत्री,दूरदर्शन राजस्थान की समाचार वाचिका पुलकित सिंह द्वारा किया जाता है। नाट्य लेखन व परिकल्पना थिएटर कला में निपुण शारदा के पति ओमप्रकाश राव द्वारा किया जाता है। नाटक मंचन में डाभक,सुशांत, आसीन,कोमल,परिधि,मनीषा,पायल और गुंजन ने विभिन्न किरदारों को मंच पर जीवंत किया।

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