जोधपुर, वैदिक धर्म व संस्कृति के पुरोधा आर्य समाज के संस्थापक व युग प्रर्वतक महर्षि दयानन्द सरस्वती का 197वां जन्मदिवस मोहनपुरा स्थित महर्षि दयानन्द सरस्वती स्मृति भवन न्यास में समस्त आर्य समाजों द्वारा सामूहिक रूप से श्रद्धापूर्वक और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर यज्ञशाला में यज्ञ के पश्चात भजनोंपदेशिका आचार्या श्रुति आर्या ने भजनों की प्रस्तुति से समां बांध सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। महिला दिवस पर अपने उद्बोधन में महर्षि द्वारा नारी कल्याण और बालिका शिक्षा के लिए किए गए कार्यों को स्मरण करवाया।
उद्गीथ साधना स्थली हिमाचल प्रदेश के आचार्य आर्य नरेश ने अपने उद्बोधन में महर्षि के समाज सुधार की चर्चा करते हुए पाखंडों को मिटाने और सत्यज्ञान करवाने में महर्षि के योगदान पर प्रकाश डाला। महर्षि ने देश की प्रथम गौशाला की स्थापना करवाई।
आचार्य आर्य नरेश ने आह्वान किया कि कि हमें हमारे गौरवशाली अतीत की भांति सभ्य व संस्कारित बन भारत को विश्व गुरु का दर्जा दिलाना ही महर्षि के जन्मदिवस को मनाने की सार्थकता है।
शांति पाठ और ऋषि लंगर के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर विभिन्न समाजों के पदाधिकारी, आमजन, गणमान्य व्यक्तिय व मातृशक्ति उपस्थित थे।