लिविंग लिवर ट्रांसप्लांट का मरीज अब पूर्णतया स्वस्थ

-जोधपुर एम्स अस्पताल

-लिवर डोनेट करने वाले बेटे को किया डिस्चार्ज

जोधपुर,एम्स में हुए पहले लिविंग लिवर ट्रांसप्लांट का मरीज अब पूर्णतया स्वस्थ है। लिवर डोनेट करने वाले बेटे को डिस्चार्ज किया गया। रेसिपियंट पिता को सोमवार तक आईसीयू से वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा। एम्स में 11 फरवरी को पहला सफल लिविंग लिवर ट्रांसप्लांट दिल्ली आईएलबीएस और एम्स के जीआई सर्जन ने किया था। मरीज पिता और डोनर बेटा दोनों स्वस्थ हैं।

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एम्स के जीआई सर्जन डॉ. वैभव वैष्णव ने बताया कि जिस मरीज को लिवर लगा है,वह पूरी तरह स्वस्थ है और दिनचर्या के सभी कार्य सामान्य रूप से कर रहा है। मरीज के टेस्ट भी इंप्रूव हो रहे हैं। चेस्ट और पैरों की फिजियोथैरेपी चल रही है। डोनर बेटे को डिस्चार्ज करने से पहले पिता से मिलाया गया। दोनों ने एक दूसरे की कुशलक्षेम पूछी। एम्स में पहले लिवर ट्रांसप्लांट मरीज की देखरेख में गेस्ट्रो सर्जिकल विभाग के 5 डॉक्टर, एनेस्थिसिया के 3 समेत 6 सीनियर रेजिडेंट्स और नर्सिंग स्टाफ नियुक्त हैं। यह इसलिए कि बाहर से कोई इंफेक्शन अंदर न जाए। एक नर्सिंग स्टाफ और सीनियर रेजिडेंट्स 24 घंटे मरीज के सामने ही बैठे रहते हैं।

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तीन-चार घंटे में आधा घंटा वॉक कर रहा
मरीज पूरे दिन में हर तीन-चार घंटे में आधा घंटा वॉक कर रहा है। छाती पर इंफेक्शन न हो,इसके लिए चेस्ट और पैरों की कसरत फिजियोथैरेपिस्ट करा रहे हैं। विभाग की एक सीनियर फैकल्टी सुबह,दोपहर व शाम तक वहीं आईसीयू में बैठती है। मरीज को करवट लेने,बैठाने आदि काम सब अपनी देखरेख में करवा रही है।

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