आइडेंटीफिकेशन नंबर को लिंक करने से नहीं किया जा सकता है मना

याचिका पर फैसला

जोधपुर,राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक याचिका का निस्तारण करते हुए कहा है कि गलत फार्म भरने के आधार पर सीजीएसटी आइडेंटीफिकेशन नंबर को लिंक करने से मना नहीं किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि विभाग कॉमन पोर्टल को ओपन करे ताकि याचिकाकर्ता अपनी जानकारी तय फार्म में भर सके। इसके लिए विभाग को तीस दिन का समय प्रदान किया गया है।

रिटर्न जमा कराने के लिए फर्म को ब्लॉक कर दिया 

नागौर जिले के मकराना में एएच मार्बल क्राफ्ट के मालिक अब्दुल हमीद भाटी का 31 जनवरी 2018 को निधन हो गया। उनके पुत्र मोहम्मद अफजल भाटी ने अपने पिता का कारोबार संभालना शुरू किया। बेटे ने एक पत्र के माध्यम से सीजीएसटी विभाग को सूचित किया कि उसके पिता का निधन हो गया है।

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सीजीएसटी एक्ट में प्रावधान है कि किसी जीएसटी आइडेंटीफिकेशन नंबर को रद्द या ट्रासंफर कराया जा सकता है बशर्ते इसके लिए सूचना विभाग की ओर से तय कॉमन पोर्टल पर फार्म जीएसटी आरईजी-16 में दी जाए। मोहम्मद अफजल की ओर से सूचना इस तय फार्म पर नहीं दिए जाने से रिटर्न जमा कराने के लिए उसकी फर्म को ब्लॉक कर दिया गया। इसके बाद मोहम्मद अफजल ने नया जीएसटी नंबर ले लिया। इसके साथ ही उसने हाईकोर्ट में एक याचिका पेश कर सीजीएसटी विभाग केस फैसले को चुनौती दी।

मुख्य पीठ में यह हुआ

राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्य पीठ में इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ के समक्ष विभाग की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता ने सही फोरमेट में सीजीएसटी आइडेंटीफिकेशन नंबर ट्रांसफर करने के लिए आवेदन नहीं किया। पुराना नंबर रद्द करने के लिए फार्म 29 भरा गया जबकि इसके लिए 16 नंबर का फार्म भरना था। ऐसे में सिस्टम उनके आवेदन को लिंक नहीं कर पाया।

दोनों पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता अपने बकाया टैक्स को जमा कराने को तैयार है, लेकिन इसमें अनावश्यक बाधाएं खड़ी की जा रही हैं। खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने विभाग को सूचित किया था कि उसके पिता का निधन हो गया। इसी से जाहिर है कि वह बकाया टैक्स को चुकाने के लिए तैयार है।

याचिका निस्तारण 

याचिका का निस्तारण करते हुए खंडपीठ ने कहा कि विभाग तीस दिन के भीतर कॉमन पोर्टल को एक्टिवेट कर याचिकाकर्ता को फार्म 16 भरने की अनुमति प्रदान करे। सारी सूचनाएं जमा कराने के बाद उसके सीजीएसटी नंबर को लिंक करने की प्रक्रिया, इस संदर्भ में 28 मार्च 2019 को जारी सकुर्लर के तहत, पूरी करें।

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