जल जीवन मिशन : राजस्थान को 10,181 करोड़ आवंटित

  • केंद्रीय जलशक्ति मंत्री शेखावत ने राज्य का केंद्रीय अनुदान चार गुना बढ़ाया
  • राजस्थान के हर घर को नल से जल, नरेंद्र मोदी सरकार का लक्ष्य

जयपुर, राजस्थान में वर्ष 2024 तक हर घर नल से जल का सपना साकार करने की दिशा में केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने एक और बड़ा कदम उठाया है। जोधपुर सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान के हर घर को जल, मोदी सरकार का लक्ष्य है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य को वर्ष 2021-22 के लिए 10,181 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। हर घर नल से जल का लक्ष्य हासिल करने के लिए केंद्रीय अनुदान में चार गुना की बढ़ोतरी की गई है।

वर्ष 2019-20 में राजस्थान को 1,301.71 करोड़ रुपए का केंद्रीय अनुदान जारी किया गया था। राज्य के पास उस समय 313.67 करोड़ रुपए का ओपनिंग बैलेंस भी मौजूद था, लेकिन वर्ष के अंत में इसमें से भी 995.07 करोड़ रुपए खर्च नहीं हो पाए। वर्ष 2020-21 में राज्य को 2,522.03 करोड़ रुपए का केंद्रीय अनुदान आवंटित किया गया, लेकिन राजस्थान सरकार ने इसमें से केवल 630.51 करोड़ रुपए लिए। राज्य उपलब्ध केंद्रीय अनुदान की राशि में से 863.53 करोड़ रुपए भी खर्च नहीं कर पाया।

राज्य में जल जीवन मिशन की धीमी गति पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री को हाल में विस्तृत पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने राज्य से फिर आग्रह किया था कि राज्य में पेयजल आपूर्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। इसके कार्यान्वयन में तेजी लाई जाए, ताकि राज्य आवंटित धनराशि का पूरा उपयोग करते हुए केंद्रीय अनुदान की पूरी राशि हासिल कर सके।

शेखावत ने पत्र में कहा था कि अगर राज्य सरकार पेयजल आपूर्ति के कार्यों को प्राथमिकता प्रदान करे और ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत दिए जा रहे केंद्रीय अनुदान का पूरा उपयोग करे तो इससे राज्य के ग्रामीण इलाकों में भारी पूंजी निवेश हो सकेगा। गांवों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के ठोस अवसर भी उपलब्ध होंगे। हाल में राष्ट्रीय जल जीवन मिशन, जलशक्ति मंत्रालय द्वारा राज्य की वार्षिक कार्ययोजना की समीक्षा के लिए आयोजित गोष्ठी में राजस्थान को तेजी से काम करने के विषय में कई सुझाव दिए गए।

राज्य को सुझाव दिया गया कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उपलब्ध राशि का उपयोग प्रभावी ढंग से हो इसके लिए एक समुचित मासिक व्यय योजना तैयार की जानी चाहिए। ‘जल जीवन मिशन’ की आयोजना और कार्यान्वयन की राज्य स्तर पर नियमित रूप से समीक्षा की जानी चाहिए।

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20.70 लाख का लक्ष्य, 6.81 लाख में ही कनेक्शन

वर्ष 2020-21 में राज्य में 20.70 लाख के लक्ष्य के मुकाबले 6.81 लाख घरों में ही नल के पानी के कनेक्शन दिए जा सके। अब वर्ष 2021-22 के लिए राज्य ने 30 लाख घरों, वर्ष 2022-23 और वर्ष 2023-24 के लिए क्रमशः 35 लाख व 16.75 लाख घरों तक नल से पीने का पानी उपलब्ध करने की योजना बनाई है, ताकि वर्ष 2024 तक राजस्थान ‘हर घर जल’ राज्य बन सकेगा। आर्सेनिक, फ्लोराइड, नाइट्रेट व लवणीकरण से प्रभावित लगभग 1,950 गांव भी वर्ष 2021-22 की योजना में शामिल हैं।

केवल 19.58 प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन

राजस्थान में कुल 101.32 लाख ग्रामीण घरों में से केवल 19.84 लाख घरों यानी 19.58 % में नल से पीने का पानी उपलब्ध है। वर्ष 2019-20 के दौरान राज्य में केवल 1.02 लाख और 2020-21 के दौरान 6.81 लाख घरों को नल कनेक्शन दिए गए। वर्तमान में राजस्थान में केवल 3.41 लाख ग्रामीण घरों को ही नए नल जल कनेक्शन देने संबंधी जलापूर्ति परियोजनाएं चल रही हैं, जबकि जिन जलापूर्ति परियोजनाओं के लिए टेंडर जारी किए गए हैं, उनसे भी केवल 6.06 लाख ग्रामीण घरों तक ही पीने के पानी का नल कनेक्शन पहुंच पाएगा।

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राजस्थान के पास 22,494 करोड़ का विशाल कोष

15वें वित्त आयोग के तहत पंचायती राज संस्थाओं को जलापूर्ति और स्वच्छता के लिए दी जाने वाली राशि के रूप में राजस्थान को 2020-21 में 1,931 करोड़ रुपए और 2021-22 में 1,712 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। अगले पांच वर्षों यानी 2025-26 तक इस कार्य के लिए कुल 9,032 करोड़ रुपए की धनराशि की पक्की व्यवस्था है। अतः राज्य के पास ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर तक नल से पीने का पानी पंहुचाने के लिए धनराशि की कोई कमी नहीं है।

वर्तमान में राजस्थान के पास केंद्रीय अनुदान, आउट स्टैंडिंग बैलेंस, राज्य के समतुल्य अंश और पिछले शार्टफॉल को मिलाकर ‘जल जीवन मिशन-हर घर जल’ को लागू करने के लिए इस वित्त वर्ष में 22,494.17 करोड़ रुपए का विशाल कोष उपलब्ध है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने राज्य सरकार को सलाह दी है कि मिशन से जुड़े कार्यों की आयोजना, अनुमोदनों और कार्यान्वयन-इम्प्लीमेंटिंग एजेंसी को धनराशि के हस्तांतरण आदि में तेजी लाई जाए।

राज्य के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में पहुंचे शुद्ध जल

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने बताया कि पिछले वर्ष प्रधानमंत्री के आह्वान पर 2 अक्टूबर को बच्चों को पीने का शुद्ध पानी मिले, इसके लिए विशेष अभियान शुरू किया गया था। अभियान के तहत सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में पीने, हाथ धोने और शौचालयों में पाइप से जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी है। हरियाणा, हिमाचल, पंजाब, गुजरात, आंध्र, गोवा, तमिलनाडु, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप-समूह ने इन सभी संस्थानों में नल का जल पहुंचाने में 100 प्रतिशत कामयाबी हासिल कर ली है, लेकिन राजस्थान में वर्तमान में 41,768 स्कूलों (48.45%) और 16,879 आंगनवाड़ी केंद्रों (31.74%) में नल से पीने का जल पहुंचाने का काम हो सका है। उन्होंने कहा कि बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और समुचित साफ-सफाई के लिए यह आवश्यक है कि प्राथमिकता के आधार पर इसी वर्ष इन सभी संस्थानों में नल से जल की आपूर्ति कर दी जाए।

क्या है जल जीवन मिशन

15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में नल से पीने का साफ पानी पहुंचाने के उद्देश्य से ‘जल जीवन मिशन’ की घोषणा की थी, ताकि देश के लोगों, खासकर महिलाओं और बालिकाओं के जीवन-स्तर में सुधार आए। उस समय देश के गांवों में स्थित कुल 19.20 करोड़ घरों में से केवल 3.23 करोड़ (यानी मात्र 17%) घरों में ही नल से पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध थी, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 7.50 करोड़ (यानी कुल ग्रामीण घरों का 39%) हो गई है। ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत केवल 21 महीनों में 4.25 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण परिवारों (लगभग 22%) और घरों को पीने के पानी के नल कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं।

इन राज्यों में 100 प्रतिशत कवरेज

जल जीवन मिशन के अंतर्गत गोवा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा पुड्डचेरी में हर ग्रामीण घर में नल से पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध है। कई अन्य राज्य भी तेजी से कार्य करते हुए राष्ट्रीय लक्ष्य अर्थात 2024 से पहले ही ‘हर घर जल’ बनने के लिए प्रयासरत हैं। देश में अब तक 62 जिले और 90 हजार से अधिक गांव ‘हर घर जल’ बन चुके हैं।

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