जोधपुर, ईस्टर्न फाउंडेशन ऑफ़ आर्ट एंड कल्चर का छठा वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय आर्ट एक्जीबिशन ‘एक्ट कनेक्ट रिफ्लेक्ट-4’ रविवार को अनुष्ठित हुआ। इस वर्चुअल आर्ट एक्जीविशन में देश विदेश से 305 कलाकारों की 556 कलाकृतियां प्रदर्शित की।
“निगाहों में मंज़िल थी, गिरे और गिरकर सँभालते रहे; हवाओं ने बहुत कोशिश की, मगर चिराग अंधियारों में भी जलते रहे।” इस पंक्ति के साथ संस्था के सदस्य केशव वर्णोति ने कार्यक्रम की शुरुआत की उनके साथ स्मिता पटेल ने संचालन किया। अंतर्राष्ट्रीय बलुकाशिल्पी पद्मा सुदर्शन पटनायक ने मुख्य अतिथि एवं नेपाल के कलावती आर्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष भीम प्रसाद शर्मा ने अतिथि के रूप में प्रदर्शनी का दीप प्रज्वलन से उद्घाटन किया।
कोरोना महामारी के चलते पूरे विश्व में निराशा छाई रहने के समय बहुत से कलाकार भी अपनी जान खो चुके हैं। इसी दौरान इऍफ़एसी ने कलाकारों के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी के ज़रिये प्रख्यात चित्रशिल्पी पंचानन सामल को सृजन सम्मान एवं 27 कलाकारों को पृरस्कृत किया। इस पूरी प्रक्रिया को इऍफ़एसी के संपादक मनोज संधा एवं अन्य सदस्यों ने संभाला है।
संस्था की तरफ से अध्यक्ष प्रदीप्त किशोर दास ने कोरोना महामारी के दौरान इऍफ़एसी द्वारा सालभर लिए गए विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बताया एवं महामारी से बचने के लिए सभी कलाकारों को सकारात्मक मनोभाव रखकर अपनी कलाकृतियों का सृजन करने का सुझाव दिया। इससे हमारे आसपास का नकारात्मक परिवेश दूर हो सकता है।
सृजन सम्मान से नवाज़े गए शिल्पी पंचन सामल ने कहा यह सम्मान उन्हें आगे कलाजगत के लिए और अधिक काम करने के लिए प्रेरित करेगा। करोना काल में इस कार्यक्रम ने शिल्पियों के लिए एक नई ऊर्जा प्रदान की। कर्नाटक शिल्पकला अकादमी के अध्यक्ष तथा वरिष्ठ कलाकार वीरन्ना मानप्पा अर्कासली समसामयिक चित्रकला पर विस्तृत विचार रखे। उन्होंने नई पीढ़ी के कलाकारों के तकनीत व विचार की बहुत प्रसंशा की।
कर्णाटक ललित कला के सदस्य बसवराज मुसवालगी ने सभी प्रतिभागियों के द्वारा बनाये गए कलाकृतियों की प्रसंशा की। नेपाल के प्रख्यात चित्रशिल्पी भीम प्रसाद शर्मा ने बताया की अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी के जरिया अंतरसांस्कृतिक आदान-प्रदान संभव है। उन्होंने कहा की नेपाल और भारत, दोनों देशों की संस्कृति, लोक कला, पारिवारिक संगठन, धर्म, पोशाक, खाद्य आदि में सामंजस्यता है। दोनों देशों की पूर्वी संस्कृति सारे विश्व को नयी दिशा देती है।
मुख्य अतिथि पद्मा सुदर्शन पटनायक ने इस प्रदर्शनी की प्रसंशा करते हुए कहा कि इस कठिन परिस्थिति में ईस्टर्न फाउंडेशन ने दुनिया भर के कलाकारों को मंच प्रदान किया। इसके साथ उन्होंने सभी पुरस्कृत कलाकारों को शुभकामनाएं दी।
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प्रोफेशनल केटेगरी से पुरस्कृत शिल्पी मानसी सागर नाशिक (श्रेष्ठ कला पुरस्कार); किरण शेरख़ाने कर्नाटक (श्रेष्ठ छवि पुरस्कार); उज्ज्वल मंडल ईस्ट मेदिनीपुर (श्रेस्ठ भास्कर्य पुरस्कार); अबनींद्र कर ओडिशा (श्रेस्ठ रेखाचित्र पुरस्कार); संदीप सुनेरिया गुजरात (श्रेष्ठ ग्राफ़िक पुरस्कार)। हाइली कमांडेड पुरस्कार शिल्पी नीलिमा श्रीवास्तव भोपाल; गायत्री मंथा कर्नाटक; धर्मेंद्र ल. साहनी गुजरात; शुवांकर बेरा पश्चिम बंगाल; योजना देहनकर नवी मुंबई; अनिर्बन शेठ पश्चिम बंगाल; समरेंद्र बेहरा ओडिशा; अपूर्वा भांडे ईस्ट मुंबई।
स्टूडेंट केटेगरी से पुरस्कृत शिल्पी सत्यम मल्हार सिंधुदुर्ग (श्रेष्ठ कला पुरस्कार); श्वेता विश्वकर्मा मौ (श्रेष्ठ छवि पुरस्कार); भास्कर ज्योति सैकिआ असम (श्रेस्ठ भास्कर्य पुरस्कार); महासेवता बिस्वास नई दिल्ली (श्रेस्ठ रेखाचित्र पुरस्कार); भानु श्रीवास्तव चंडीगढ़ (श्रेष्ठ ग्राफ़िक पुरस्कार)। हाइली कमांडेड पुरस्कार शिल्पी रिया प्रेमचंद चाँदवानी मुंबई; खान शमीम अख्तर मुंबई; सुकर्ना दास पश्चिम बंगाल; सुनैना पठानकोट; शिवम शर्मा दिल्ली; प्रिया गुप्ता दिल्ली; अज़ीज़ वर्मा पठानकोट; स्वरुप कँवार राजस्थान।
इस कार्यक्रम में मैसूर कला महाविद्यालय के मुद्रण कला के मुख्य चंद्रशेखर एपी, कर्नाटक ललित कला के पूर्व अध्यक्ष बसवराज मुसवालगी, मंगलोर के वरिष्ठ चित्रकार कंदन, दिलीप मल्लिक, नृसिंघ चरण ओझा, टिकम खंडप्पा, संगीत सामंतराय एवं किशोर चंद्र नायक एवं बहुत से कलाकार उपस्थित थे। ईस्टर्न फाउंडेशन के सदस्य यतीश कासरगोड ने सभी अतिथियों, पुरस्कृत व प्रतिभागी शिल्पियों और पत्रकारों को धन्यवाद ज्ञापित किया एवं आगे के कार्यक्रमों के लिए सभी को जुड़े रहने के लिए अनुरोध किया।