राष्ट्र्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन में नियुक्त एएनएम की सेवा बनाए रखने का अंतरिम आदेश
जोधपुर, राजस्थान हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन में नियुक्त एएनएम को सेवा में बनाए रखने के अंतरिम आदेश दिए हैं। यह आदेश एकलपीठ के न्यायाधीश अरूण भंसाली ने जारी किए।
याचिकाकर्ता रुकमणी गुजर की ओर से अधिवक्ता यशपाल खि़लेरी ने रिट याचिका पेश कर बताया कि याचिकाकर्ता को एनयूएचएम योजना के अधीन एएनएम महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता पद पर निदेशक (आर सीएच), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, जयपुर के अनुमोदन पश्चात जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य आधिकारी एवं सीएमएचओ नागौर द्वारा आदेश 31.07.2019 से नियुक्त की गई। तब से लगातार अपनी संतोषप्रद सेवाएं दे रही थी, लेकिन बिना किसी लिखित आदेेश के, याची को संविदा सेवा में आने से इंकार कर दिया और कहा जा रहा है कि बजट का अभाव है।
याची की ओर से बताया गया कि एक तरफ सीएमएचओ नागौर द्वारा बजट का अभाव बताकर मौखिक रूप से सेवा में नहीं आने का कहा जा रहा और दूसरी ओर सीएमएचओ नागौर द्वारा समान एनयूएचएम योजना में उसी सविंदा पद पर नई भर्ती की जा रही है, ऐसे में सीएमएचओ और आरसीएचओ नागौर द्वारा मनमाना व्यवहार किया जा रहा है और 4 नए पदों पर भर्ती भी कर ली है। राज्य सरकार संभावित कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर को लेकर पूरी तैयारी भी कर रही है, जिसमें महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता की अहम भूमिका होती है। ऐसे में वस्तुस्थिति के बारे मे जाने बिना याची की सेवाएं मौखिक रूप से समाप्त करना अवैध और असंवैधानिक है। राज्य सरकार सहित सीएमएचओ नागौर और आरसीएचओ नागौर को नोटिस जारी करते हुए छह सप्ताह में जवाब तलब किया है। राज्य सरकार को याची को सेवा में बनाए रखने का भी अंतरिम आदेश दिए हैं।
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