भारतीय सैनिक दुनियां का सर्वश्रेठ सैनिक- कर्नल गुर्जर

झुंझुनू, शहर के अंबेडकर भवन में 1971 भारत-पाक युद्ध की स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने की एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कैप्टन प्रवीण डागर एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व सांसद और विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय, ब्रिगेडियर भगवान सिंह एवं सैनिक न्याय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल देव आनंद गुर्जर ने शिरकत की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कैप्टन प्रवीण ने 1971 के युद्ध में सैनिकों द्वारा बहादुरी के कारनामों को याद करते हुए देश के युवाओं से आग्रह किया कि हमें वीर सैनिकों के बलिदान को याद रखते हुए प्रेरणा लेनी चाहिए।

कर्नल देव आनंद गुर्जर ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बताया कि सैनिक देश की अमानत होता है और मुझे एक सैनिक होने पर गर्व है। उन्होंने कहा भारतीय सैनिक दुनिया में सबसे सर्वश्रेष्ठ एवं बहादुरता का प्रतीक है।

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कर्नल ने भारत के नागरिकों का सैनिकों के लिए सम्मान एवं प्रेम के लिए आभार जताते हुए पूर्व सैनिकों से जुड़ी हुई समस्याओं का जिक्र करते हुए राजस्थान एवं केंद्र सरकार से आग्रह किया की सर्विस के दौरान किसी सैनिक की मौत पर परिवार को अनुकंपा नौकरी,कॉन्ट्रैक्ट नौकरी पर पूर्व सैनिकों को दी जाने वाली 11000 की राशि को बढ़ाकर भारत सरकार के न्यूनतम वेतन स्केल करने, वीरता पुरस्कार विजेता सैनिकों के सम्मान पूर्वक स्कूल कॉलेज नामांकरण के पश्चात विद्यालय के प्रांगण में वीर सैनिक की मूर्ती लगाने की इजाजत देने में देरी, जैसलमेर स्तिथ करीब 500 पूर्व सैनिक जिनको 1984 की एप्लीकेशन पर एलॉटमेंट पर जमीन के पूरे पैसे भरने के बावजूद भी खातेदारी नही दीए जाने जैसे मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। झुंझुनू जिले के सैनिकों से जुड़ी हुई मांग रखते हुए झुंझुनू में एक सर्व सेवा युक्त सैनिक भवन का निर्माण, शौर्य उददानता लोकार्पण एवं बघेरा ग्राम के भारत के पहले वीर चक्र कैप्टन बसंता राम धाबाई के नाम पर मार्ग का नामांकारण एवम मूर्ति स्थापना की मांग दोहराई।

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कार्यक्रम के अध्यक्ष पूर्व मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि झुंझुनू जिले में कई ऐसे उदाहरण हैं जहां पर दो-दो पीढ़ियों ने अपने जीवन का बलिदान देकर भारत माता की सेवा में अग्रिम भूमिका निभाई है। डॉ ने सैनिकों से जुड़े हुए मुद्दों के समाधान करवाने का पूरा भरोसा दिलाते हुए बताया कि मौजूदा सरकार सैनिकों से जुड़ी हुई हर समस्या के समाधान के लिए वचनबद्ध है और अगर जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया जाएगा।

वीरांगनाओं एवं पदक विजेताओं का शॉल एवं माला पहनाकर अतिथियों द्वारा सम्मान किया गया। मनोरमा देवी, रामप्यारी देवी, संतोष कंवर, कमला देवी ,संतोष देवी,कस्तूरी देवी,रजत सुल्तान,हकीम बानो,राजा देवी,कमला देवी,कविता देवी, बादामी देवी, कविता कुलहरी, मनीष देवी,सुनीता कीचड एवं मनभरी देवी वीरांगनाओं का शॉल एवं पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मान किया गया।

सम्मान समारोह में कैलाश सुरा जिला अध्यक्ष सैनिक न्याय संघर्ष समिति, कैप्टन टीपू सुल्तान प्रदेश मंत्री सैनिक ने संघर्ष समिति, राजपाल फोगाट, दिनेश कुलहरी,कैप्टन रंग पाल, नरेंद्र सिंह, तेजस्विनी शर्मा, पार्षद संजय पारीक, पूर्व उप प्रधान ताराचंद सैनी, कैप्टन अली हसन खान, कैप्शन विद्याधर ढाका, पूर्व सरपंच घासीराम, राजकुमार ढाका, कैप्टन मनसब खान और हवलदार अयूब खान समेत शहर के गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

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