जोधपुर,शुक्रवार को खेले गए भारत-आस्ट्रेलिया टी-20 सीरीज के पहले मैच में भारत जीता। इस मैच में भारत को कनक्शन सब्स्टीट्यूटी नियम का फायदा मिला। पिछले साल आईसीसी ने कनकशन सब्स्टीट्यूट नियम को एप्रूव्ड किया था। आई. सीसी कंकशन सब्स्टीट्यूट् लॉ 1.2.7 के तहत अगर किसी खिलाड़ी को सर या गर्दन पर चोट लगती है और वह खिलाड़ी खेलने की स्थिति में नही होता या उसकी मानसिक स्थिति ठीक नही होने पर मेडिकल टीम व टीम मैनेजर जाकर आईसीसी के मैच रैफरी को इसकी सूचना देते हैं व विनती करते हैं कि हमें उस खिलाड़ी की जगह उसके ही अनुरूप अतिरिक्त खिलाड़ी खिलाने की अनुमति दें। ज्ञात रहे कि रविन्द्र जडेजा को 20 वें ओवर में गेंद बल्ले से टकराकर उनके हेलमेट पर जा लगी थी और वह पहले से ही हैमस्ट्रिंग की चोट से जूझ रहे थे, जिससे उनकी जगह लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को सब्स्टीट्यूट् खिलाड़ी के रूप में टीम में लिया गया और चहल ने 4 ओवरों में 25 रन देकर 3 विकेट चटका दिए और मैन ऑफ द मैच का खिताब अपने नाम किया। इस फैसले से ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लैंगर नाखुश नजर आए और मैच रैफरी डेविड बून से इस निर्णय को लेकर बातचीत भी की। इस नियम का उपयोग सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल एसेज सीरीज में किया था। तब स्टीवन स्मिथ को सर पर गेंद लगने की वजह से उनकी जगह मार्न्स लाबुसेन को सब्स्टीट्यूट् खिलाड़ी मैच में खिलाया और उहोंने शानदार बल्लेबाजी की थी।