जिस घर संस्थान में मिला लार्वा तो देना होगा 500 रुपये का जुर्माना
- सर्वे के दौरान 62,863 घरों में मिला लार्वा
- डेंगू को समूल नष्ट करने के लिए नागरीको का सहयोग अपेक्षित
जोधपुर, डेंगू सहित मौसमी बीमारियों की रोकथाम व बचाव के लिए राज्य सरकार की ओर से 2018 में एक अधिसूचना जारी कर डेंगू , मलेरिया व स्वाइन फ्लू आदि मौसमी बीमारियों को नोटिफाइबल डिजीज की श्रेणी में रखा गया है। मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बलवंत मण्डा ने बताया कि जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रो में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा एन्टी लार्वल सर्वे कार्य के दौरान स्वास्थ्य दलों द्वारा लोगों को लार्वा के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है। नोटिफाइबल डिजीज एक्ट के बारे में जानकारी दी जा रही है। डेंगू रोग फैलाने वाले एडीज प्रजाति के मच्छर का लार्वा घर में रखे साफ पानी में ही अपने जीवन के महत्वपूर्ण तीन चरण पूर्ण करता है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से सर्वे के दौरान घरों में लार्वा मिलने पर एक बार उसे नष्ट करने का तरीका बताएंगे तथा दूसरी बार भ्रमण के दौरान जिस घर या संस्थान में लार्वा पाया जायेगा, उसके मालिक को 24 घण्टे मे लार्वा नष्ट करने के लिए लिखित में नोटिस दिया जायेगा। उसके पश्चात् तीसरे भ्रमण में भी लार्वा पाया जाता है तो उसके नोटिफाइबल एक्ट के तहत कार्रवाही करते हुए 500/- का चालान काटा जायेगा। डिप्टी सीएमएचओ (स्वास्थ्य) डॉ. प्रीतम सिंह सांखला ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इस अधिसूचना मे निजी अस्पतालों- प्रयोगशालाओं को भी सम्मिलित किया गया है। डॉ. सांखला ने जिले के समस्त नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने घरो,संस्थानो के परिसर मे लार्वा पनपने के स्रोत की जांच कर उन्हे तत्काल नष्ट करें ताकि चालान की कार्यवाही का सामना न करना पड़े एंव मच्छरों के प्रकोप एंव मौसमी बीमारीयो को रोकने में एक सजग नागरिक की भूमिका निभाएं।
600 टीमों द्वारा 24,07,032 घरों का सर्वे, 62,863 घरों में मिला लार्वा
उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ. प्रीतम सिंह सांखला ने बताया कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम व बचाव हेतु चलाये जा रहे विशेष अभियान के तहत अब तक तक 24,07,032 घरों का सर्वे किया गया। इस दौरान 62,863 घरों में डेंगू मच्छरों का लार्वा पाया गया। स्वास्थ्य दलों ने 30,509 जगह एमएलओ, 1,29,444 स्थानों पर टेमिफॉस का घोल डाला गया। 1,63,578 कंटेनर्स, जलपात्रों को खाली करवाया, 242 जलस्रोतों में लार्वा को नष्ट करने के लिए गंबूसिया मछलियां डाली, 4,083 स्थानों पर पायरेथ्रम स्प्रे व 33 क्षेत्रों में फोगिंग स्प्रे के साथ आमजन को मौसमी बीमारियों के बचाव व रोकथाम हेतु आईईसी के माध्यम से जागरूकता की गतिविधियों की कार्यवाही की गई।
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