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मन्दिर जाना पर्याप्त नहीं अपितु सत्कर्म होना महत्वपूर्ण है

मन्दिर जाना पर्याप्त नहीं अपितु सत्कर्म होना महत्वपूर्ण है

  • विश्व प्रसिद्ध भारत माता मन्दिर के संस्थापक निवर्तमान जगतगुरू शंकराचार्य पद्मभूषण ब्रम्हलीन स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि के जोधपुर स्थित समन्वय धाम में चल रही भागवत कथा
  • भारत समन्वय धाम में श्रीमदभागवत कथा का तृतीय दिन

जोधपुर,भारत समन्वय धाम में 20 से 26 जनवरी तक चल रही श्रीमदभागवत कथा का आचार्य रामानुज वाचन कर रहे हैं। कथा के मुख्य यजमान गंगाराम,दुर्गादास, श्यामसुन्दर ढोलवानी एवं समन्वय परिवार के सयुंक्त तत्वाधान में आयोजित की जा रही है। तृतीय दिन की कथा में मुख्य अतिथि इंजीनियर राजेन्द्र परिहार उद्यमी एवं समाजसेवी नवजीन संस्था लवकुश शिशुगृह,वृद्ध सदन आस्था के प्रभारी द्वारा व्यासपीठ का पूजन किया गया।

कथा की आरती मुख्य यजमान ढोलवानी परिवार की ओर से दुर्गादास एवं उनके परिवार तथा समन्वय परिवार द्वारा गई। आचार्य रामानुज ने आज की कथा में कहा कि हमारा मन्दिर जाना पर्याप्त नहीं अपितु कोई न कोई सत्कर्म होता रहे यह महत्वपूर्ण है।

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मानवतावाद के विषय में बोलते हुए आचार्य ने अपने गुरूदेव पुज्य स्वामी को स्मरण कर बताया की वे प्रभु के चरणों में प्रत्येक व्यक्ति की समृद्धि हेतु निरन्तर प्रार्थना करते थे। कपिल अवतार,शिव सती चरित्र,ध्रुव चरित्र की कथा का भी मूल रहस्य आचार्य ने रोचक शैली में सुनाया। भागवत में वर्णित पुरंजन उपाख्यान,जड़भरत चरित्र,अजामिल प्रसंग आदि कथाओं को सरलता से सुना रहे हैं। 26 जनवरी तक भारत समन्वय धाम जोधपुर में नित्य मध्यान्ह कथा जारी रहेगी।

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