जोधपुर, इस्कॉन श्रीराधा गोविन्दजी मंदिर तनावड़ा में चैतन्य महाप्रभु का आविर्भाव दिवस गौर पूर्णिमा का उत्सव एवं धुलंडी महोत्सव धूमधाम से ऑनलाइन मनाया गया। मंदिर अध्यक्ष सुंदरलाल ने बताया श्रीगौर पूर्णिमा महोत्सव व फागोत्सव के उपलक्ष में भगवन श्रीराधा गोविंदजी को विशेष फूलों से बने रंगो से श्रृंगार किया गया।

भगवान श्रीचैतन्य महाप्रभु का आविर्भाव दिवस मनाया गया, जिसमें भगवान का दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस इत्यादि से महाभिषेक किया गया। तत्पश्चात भगवान की आरती तथा भगवान को 56 भोग अर्पित किए गए। इस्कॉन अध्यक्ष सुंदरलाल ने इस अवसर पर प्रवचन में शास्त्रों के आधार पर बताया कि इस युग में भगवान श्रीकृष्ण चैतन्य महाप्रभु के रूप में प्रकट हुए। वैसे तो प्रत्येक युग में भगवान अवतार लेते हैं तथापि चैतन्य महाप्रभु को सबसे दयालु अवतार माना जाता है।

चैतन्य महाप्रभु ने इस कलियुग में भगवान के नाम संकीर्तन आन्दोलन की स्थापना की एवं सभी को बताया कि इस युग में केवल हरे कृष्ण महामन्त्र का जप करके व्यक्ति परमसिद्धि प्राप्त कर सकता है। पूरे कार्यक्रम में भक्तगण हरे कृष्ण महामन्त्र का कीर्तन करते रहे। इस अवसर पर मन्दिर के भक्तों द्वारा चैतन्य महाप्रभु की लीला पर आधारित एक विशेष नाटक भी प्रस्तुत किया गया।