लखनऊ, राजस्थान के पूर्व राज्यपाल व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का शनिवार की रात निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे कई दिनों से बीमार थे। राम मंदिर आंदोलन में पूरे विश्व में छा जाने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह कई दिनों से बीमार थे। वे 7 दिनों से वेंटिलेटर पर थे। सांस लेने में तकलीफ के कारण 21जून को उन्हें सबसे पहले लखनऊ के लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चार जुलाई को उनकी हालत फिर से बिगड़ गई तब उन्हें पीजीआई में शिफ्ट किया गया। जहां शनिवार की रात उन्होंने अंतिम सांस ली। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। योगी ने कहा कि सोमवार 23 अगस्त को नरोरा में गंगा तट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस दिन प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश रहेगा।

पीजीआई में शिफ्ट किए जाने के बाद उनका स्वास्थ्य और भी बिगड़ता गया। डॉक्टर लगातार उनकी निगरानी में थे। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ,केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई नेताओं ने पीजीआई जाकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। कल्याण सिंह के निधन की खबर से भाजपा समेत कई राजनीतिक दलों में शोक की लहर छा गई। राम मंदिर आंदोलन से चर्चित कल्याण सिंह ने उस आंदोलन को अलग पहचान दी थी उस आंदोलन के समय अयोध्या में विवादित ढांचा गिरने की जिम्मेदारी उन्होंने ली और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

कल्याण सिंह की जीवनी

राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी सन 1932 को अलीगढ़ के अतरौली तहसील के मढ़ौली ग्राम में एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था। वे बचपन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में कड़ी मेहनत कर उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वे शिक्षक बन गए इसी के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ कर राजनीति समाज सेवा के साथ-साथ राजनीति के गुर भी सीखा।वे उत्तर प्रदेश में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री थे।

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