पहली बार संग्रहालय देखने उमड़ पड़ा उत्साह का दरिया
- जिला कलक्टर की अभिनव पहल
- मुग्ध हो उठे नौनिहाल
- ऐतिहासिक विरासतों से रूबरू हों सभी
जोधपुर,पुरातन इतिहास,कला और संस्कृति तथा परंपराओं का दिग्दर्शन कराने वाले जोधपुर के सरदार राजकीय संग्रहालय के अवलोकन के प्रति व्यापक जनजागृति के लिए जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता की अभिनव पहल का शुरूआती दिन उत्साहजनक रहा तथा इस पहल को खूब पसन्द किया गया।
जिला कलक्टर ने अपनी तरह के इस अनूठे नवाचार की शुरूआत स्कूली बच्चों से की। इसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों के माध्यम से यह व्यवस्था सुनिश्चित की गई है कि स्कूली बच्चों को समूहों में लाकर इस संग्रहालय को दिखाया जाए तथा इसमें संग्रहित सामग्री एवं चित्रों आदि के बारे में परिचित कराया जाए।
इस अभिनव पहल के पहले दिन शनिवार को शहर के चार स्कूलों के छात्रा-छात्राओं के समूहों ने संग्रहालय का अवलोकन किया। उन्होंने लघु फिल्म देखी और मारवाड़ तथा राजस्थान के इतिहास, परंपराओं, कला-संस्कृति और तत्कालीन परिवेश की झलक पायी।
राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय बम्बा सहित पावटा, उदयमन्दिर एवं सर्राफा बाजार के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के समूह अपने शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ आए और संग्रहालय को देखा तथा प्रदर्शित सामग्री एवं चित्रों के बारे में अपनी जिज्ञासाओं को शान्त किया। इतिहास के पन्नों से रूबरू होने वाले ये विद्यार्थी अपनी आँखों के सामने ऐतिहासिक तथ्यों और प्रदर्शित सामग्री को देख कर बेहद खुश दिखे।
जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने संग्रहालय का अवलोकन करने आए बच्चों से बातचीत की और उनके इतिहास ज्ञान की परख भी ली। संग्रहालय अवलोकन कराने के लिए इन सभी बच्चों ने जिला कलक्टर का आभार जताया और कहा कि उनकी बदौलत जीवन में पहली बार अद्भुत एवं अविस्मरणीय ऐतिहासिक दृश्यों एवं सामग्री तथा चित्रों को देखने तथा इतिहास को जानने का मौका मिला है। इससे इतिहास विषयक उनका व्यवहारिक ज्ञान बढ़ा है तथा बहुत कुछ पहली-पहली बार देखने को मिला है।
जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि संग्रहालय दिग्दर्शन का यह नवाचार निरन्तर जारी रहेगा। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे उनके अभिभावकों तथा सभी परिचितों को भी संग्रहालय देखने के लिए प्रेरित करें। अपने यहां के इस ऐतिहासिक दुर्लभ खजाने को सभी को देखना चाहिए। इस बारे में उन्होंने शिक्षा विभागीय अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि सुविधानुसार स्कूली बच्चों को क्रमिक रूप से संग्रहालय भेजकर अवलोकन कराने का प्रबन्ध सुनिश्चित करें ताकि नई पीढ़ी इस दुर्लभ एवं संग्रहित विरासतों के बारे में जान सके।
उन्होंने संग्रहालय के कार्मिकों से भी बातचीत की और संग्रहालय प्रबन्धन से जुड़ी जानकारी ली तथा आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। इस दौरान अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी रतनलाल रेगर, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी भल्लूराम खीचड़, जिला शिक्षा अधिकारी(माध्यमिक) अमृत लाल, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सिटी) इंसाफ खानजई सहित अधिकारी, शिक्षक-शिक्षिकाएं आदि उपस्थित थे।
शनिवार को इन स्कूली बच्चों के समूहों ने देश-दुनिया में अपनी ख़ासी पहचान रखने वाले इस संग्रहालय में कई दुर्लभ एवं ऐतिहासिक विरासतों की झलक देखी। इनमें स्मारक वस्तु, लघुचित्र, शस्त्र-शस्त्रागार, मूर्ति,जैन कला,मानचित्र एवं साम्राज्य,सजावटी कला,शिकार एवं प्रकृति आदि दीर्घाओं के साथ ही राजाओं के चित्रों की दीर्घा तथा अन्य प्रदर्शित सामग्री का अवलोकन किया। बच्चों के साथ शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी जिला कलक्टर के इस नवाचार की तारीफ की।
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