जोधपुर, सेवारत चिकित्सकों ने आयुर्वेद पीजी डिग्री धारी चिकित्सकों को शल्य कार्य कराने के गजट नोटीफिकेशन के विरोध में काली पट्टी बांधकर कार्य किया गया।अरिसदा जोधपुर के महासचिव डाॅ रामकिशोर विश्नोई ने बताया कि सेंट्रल काॅउन्सिल आफ इंडिया मेडिसिन की ओर से आयुर्वेद में शल्य चिकित्सा में पीजी डिग्री धारकों को 58 प्रकार की शल्य चिकित्सा की अनुमति देने से संबंधित जारी किए गए आदेश को असंवैधानिक, गैर जरूरी व मरीजों के लिए अहितकारी करार दिया है।
प्रदेश सयुंक्त सचिव डॉ रामकिशोर विश्नोई ने बताया कि आयुर्वेद में शल्य चिकित्सा की पीजी डिग्रीधारकों को दांत,नाक,कान,गला,पेट की शल्य चिकित्सा,आंखों की शल्य चिकित्सा करने की अनुमति दिया जाना घोर निंदनीय है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि जन स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले व चिकित्सा की मूल भावना के खिलाफ जारी किए गए इस फरमान को तुरंत वापस लें। इस संबंध में संघ की ओर से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी प्रेषित किया गया है। उन्होंने बताया कि अन्य पैथी के चिकित्सकों को शल्य चिकित्सा करने की अनुमति दिए जाने के विरोध में 11 दिसम्बर को अखिल राजस्थान राज्य सेवारत चिकित्सक संघ जोधपुर की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया। अरिसदा जोधपुर के महासचिव डाॅ रामकिशोर विश्नोई ने बताया कि कोविड-19 की महामारी में रोगियों की तकलीफ को ध्यान में रखते हुए राज्य के राजकीय चिकित्सालयों में चिकित्सा कार्य बहिष्कार में संघ शामिल नही हुआ। जोधपुर जिले के ग्रामीण और शहरी सेवारत चिकित्सक आमजन के हित में अपने चिकित्सा क़ार्य के दौरान “काली पट्टी” बांधकर कर गांधी वादी तरीक़े से विरोध प्रदर्शन किया।