जोधपुर, धारा 144 एवं कोरोना वायरस के रोकथाम हेतु दी गई पालना के नियमों को ध्यान में रखते हुए इस्कॉन जोधपुर द्वारा राधा गोविन्द मंदिर में चल रही श्रीनित्यानंद कथा महोत्सव का ऑनलाइन माध्यम से प्रसारण किया गया। कथा के प्रथम दिन कथा वाचक देवकीनन्दन ने बलराम व नित्यानंद तत्व विषय वस्तु पर चर्चा प्रारम्भ की।
उन्होंने बताया कि इस संसार में भगवान हर युग में युग धर्म स्थापना के लिए आते हैं। इस कलियुग में केवल भगवान नाम ही आधार है। हम सभी सुखी होना चाहते हैं परन्तु स्वयं सुख प्राप्ति करने के रास्तों से भटक रहे हैं। यदि भगवान को प्रसन्न कर दिया जाए तो मनुष्य स्वयं प्रसन्न हो जाएगा, लेकिन हम भगवान की प्रसन्नता हेतु कार्य नही करके भौतिक सुख भोग में लगे हुए हैं, यह भ्रमित सुख ही दु:ख का कारण है।
कलियुग में भगवान सभी को सुखी करने इस युग में धर्म हरिनाम प्रचार करके सभी को सुखी करने आए थे। साधु का सबसे बड़ा दु:ख है भगवान की कथा से वंचित हो जाना। हर युग में भगवान जब अलग अलग अवतार में आते हैं तो भगवान के सवांश अवतार भगवान बलराम उनकी सहायता करने आते हैं। त्रेता युग में भगवान राम की सहायता करने भगवान लक्ष्मण आए, द्वापर युग में भगवान कृष्ण की सहायता करने बलराम आए व कलियुग में भगवान चैतन्य महाप्रभु की सहायता करने भगवान नित्यानंद आए।