उद्योगों का डेवलपमेंट सरकार की जिम्मेदारी-राठौड़
किसी भी उद्योग के लिए सरकार एनर्जी में कोई कमी नहीं आने देगी
जोधपुर,उद्योगों का डलवलमेंट सरकार की जिम्मेदारी-राठौड़।उद्योग एवं केबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि लघु उद्योग या जो भी उद्योग हो उसके डवलपमेंट की जिम्मेदारी हमारी सरकार की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर में स्टोन मार्ट 24 का जो उद्धाटन किया उसमें उन्होंने कहा कि हम लक्ष्य रखकर इंवेस्टमेंट राजस्थान में लेकर आएंगे। चाहे वह सोलर एनर्जी हो या रिवेनेबल एनर्जी हो। एनर्जी में कोई कमी नहीं रहेगी। इंडस्ट्रीज तक हम गैस पाइप लाइन पहुंचाएंगे। यही हमारी प्राथमिकता रहेगी। हमारे मंत्रालय में जो वीआईपी होगा वह होगा इंवेस्टर। हमारी सीआईआई के साथ भी बैठकें हुई हैं। सरकार तरह से उद्योगों को सुविधा देगी ताकि उद्योग बढ़े और साथ साथ स्वस्थ वातावरण बनें। सभी व्यवसायों का आगे बढऩे का मौका मिले। वे आज जोधपुर हस्तशिल्प मेले में सहकार से समृद्धि एवं उद्योग से विकास संगोष्ठि में शामिल होने आए।
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राज्यवर्धन सिंह ने कहा कि युवाओं के लिए मुख्यमंत्री ने बड़े लक्ष्य रखे हैं। प्रदेश में जल्दी ही मुख्यमंत्री द्वारा बड़ी घोषणा की जाएगी। बड़ी योजना बन रही है, हमारे लक्ष्य बड़े हैं, हम साधन भी जुटाएंगे। राजस्थान में ऐसा माहौल बनेगा जिसमें पीने का पानी,बिजली, सडक़ के साथ हमें वर्ष 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करना है। इसमें राजस्थान एक अग्रणी राज्य रहेगा। हैण्डीक्राफ्ट उद्योग में आने वाली समस्याओं जिनमें बिजली कटौती को लेकर भी हल निकाला जाएगा। इसके लिए उर्जा की कमी नहीं आएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यकाल के कल पेश किए गए अंतरिम बजट पर राज्यवर्धन सिंह ने कहा कि भारत बहुत तेजी से बढ़ती हुइ जीडीपी की तरफ बढ़ रहा है। दुनिया में ग्रोथ रेट सबसे ज्यादा है। इस ग्रोथ रेट को बना के रखना है। यह केंद्र सरकार का लक्ष्य है।
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प्रधानमंत्री ने कमजोरी को हमारी ताकत बना दिया है। भारत दुनिया में एक्सपोर्ट के मामले में अग्रणीय हो गया है। बजट उसी को ध्यान में रखकर बनाया गया है। पिछली सरकार ने केवल अपने स्वार्थ के लिए काम किया। पैसे को जैसे लूटा है हर तरह से। आखिर के छह माह में हर तरह के रूल्स रेगुलेशन को ताक पर रखा दिया था। उन कामों के लिए समीक्षा कमेटी बनाई गई है। सिंह ने कहा कि पूरे साल में पिछली सरकार ने जो बेसिक रूल्स के निर्णय लिए हैं उस पर भी वापिस सोच विचार होगा। खेल में हुए घोटाले पर कहा कि इसकी वित्त मंत्रालय द्वारा जांच कराई जाएगी। शहरी एवं ग्रामीण ओलंपिक जारी रहेंगे या नहीं इस सवाल पर उन्होंने कहा कि 200 करोड़ खर्च हुए क्या दिया। यह खेल मंत्रालय के बजट का चार गुणा है। इससे न तो किसी को नौकरी का सर्टिफिकेट मिला और न ही कोई स्टेडियम बन पाया। खेल मंत्रालय जो भी करेगा अच्छी घोषणाएं करेगा जिसका दूरगामी परिणाम आएगा। लक्ष्य निर्धारित कर योजनाएं बनती है।
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